Saturday 8 October 2016

Hindu Dharam Darshan 13

मेरी तहरीर में - - -
क़ुरआन का अरबी से उर्दू तर्जुमा (ख़ालिस) मुसम्मी
''हकीमुल उम्मत हज़रत मौलाना अशरफ़ अली साहब थानवी''का है,
हदीसें सिर्फ ''बुख़ारी'' और ''मुस्लिम'' की नक्ल हैं,
और तबसरा ---- जीम. ''मोमिन'' का है।
नोट: क़ुरआन में (ब्रेकेट) में बयान किए गए अलफ़ाज़ बेईमान आलिमों के होते हैं,जो मफ़रूज़ा अल्लाह के उस्ताद और मददगार होते हैं और तफ़सीरें उनकी तिकड़म हैं और चूलें हैं.


लिंग पूजा 

योगियों, योगिनों और साध्वियों  के बयानों को पढ़ पढ़ कर पानी सर से ऊंचा हुवा जा रहा है, मेरे पाठक क्षमा करें कि सीमा लांघ रहा हूँ.
वह कहते हैं हिन्दू बच्चो की कतारें लगाएँ, 
porn फ़िल्में देखें, 
स्वा लिंग पूजा करें, 
यह वही नामुराद लोग हैं जो अपनी पौरुष शक्ति से एक चूहा भी  पैदा नहीं कर सके.
हिजड़े होते होते रह गए, गेरुवे बन गए . 
इन्हों ने शिव लिंग मंदिर बनवा दिए अपनी औरतो के लिए, 
इनकी औरतों नें शिव लिंग को पूजना शुरू किया और अपनी वासना को लिंग की आराधना में ठंडा कर लिया.
डा तो गडिया ने पौरुष वर्धन दवा भी हिन्दुओं के लिए ईजाद कर लिया है. 
६०० की लिंग वर्धन को खरीदने पर १०० रुपिए की छूट भी दे रहे हैं.
धिक्कार है ऐसे मदारियों पर जो अपनी कमियों को छिपाने के लिए जनता को मूर्ख बनाए हुए हैं.
इस्लाम में ब्रह्म चर्य हराम है जो १००% सही है. 
इसकी बहस को खुद अपने दिमाग़ में गति दें कि 
इस पर पूरी किताब लिखने की ज़रुरत होगी. 
   ब्रह्म चर्य तो ठीक वैसे ही है जैसे माली अपने पेड़ को फलने फूलने न दे,
किसान अपनी फसलों को लहलहाने न दे.
इस धरती का सारा कारोबार SEX पर आधारित है, 
धरती का दारोमदार SEX है.
कुछ लोगों में इसमें दिल चस्पी कम हो सकती है, 
जबकि उनके लिए इसके मुकाबिक्ले में कोई और विषय हो, 
जो मानव जाती के लिए वरदान हो.
उनको मुनकिर का सलाम,
धिक्कार है उन पर जो TV चैनलों पर ज़लील होने पर आमादा है.

जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

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