Thursday 29 March 2018

Hindu Dharm 159




वेद दर्शन - - -                          

 खेद  है  कि  यह  वेद  है  . . .

हे बाण रूप ब्राहमण ! 
तुम मन्त्रों द्वारा तीक्ष्ण किये हुए हो. 
हमारे द्वारा छोड़े जाने पर तुम शत्रु सेनाओं पर एक साथ गिरो 
और उनके शरीरों में घुस कर किसी को भी जीवित मत रहने दो.(४५) (यजुर्वेद १.१७) 

यहाँ सोचने वाली बात है कि जब पुरोहितों की एक आवाज पर सब कुछ हो सकता है तो फिर हमें चाइना और पाक से डरने की जरुरत क्या है.
 इन पुरोहितों को बोर्डर पर ले जाकर खड़ा कर देना चाहिए,
 उग्रवादियों और नक्सलियों के पीछे इन पुरोहितों को लगा देना चाहिए,
 फिर क्या जरुरत है इतनी लम्बी चौड़ी फ़ोर्स खड़ी करने की ?
 और क्या जरुरत है मिसाइलें बनाने की ?? 


जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

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