Tuesday 20 March 2018

Hindu Dharm Darshan- 155



कोण दीर्घ और न्यून 

पक्का हिन्दू मुसलमानों का दुश्मन, 
और कट्टर मुसलमान हिन्दुओ का दुश्मन होता है, 
नास्तिक इन दोनों को नहीं पचता, 
नास्तिकों को यह दोनों अपना दुश्मन न. 1 जानते हैं. 
यहाँ वह फार्मूला नहीं काम करता कि 
"दुश्मन का दुश्मन अपना दोस्त" 
त्रिभुज में नास्तिक १५० अंश का दीर्घ कोण होता है 
यह दोनों धर्मी 15-15 अंश के न्यून कोण होते हैं. 
हिन्दू और मुस्लिम दूर दूर खड़े रह कर, 
अपनी न्यूनता की संकीर्णता से नास्तिकता की दीर्घता को देखा करते हैं 
कि जिस दिन यह पूर्ण हो जाएगा, उस दिन हमारे वजूद का अंत हो जाएगा.
दुन्या को एक सीधी १८० डिग्री की सड़क मिल जाएगी.
नास्तिकता इन दोनों या सभी धर्मियों का साँझा दुश्मन है. 
मैं सदाक़त का मतलाशी हूँ, 
सत्य का खोजी हूँ, 
हर वक़्त सच को सर पर लादने के लिए तैयार 
और धर्म व मज़हब हर सच को अवैध गर्भ के फूले पेट को, 
अपने तंग आँचल से ढकने की कोशिश में रहते हैं. 
>हर धर्म, धर्मियों की छोटी बड़ी दुकानें होती हैं.
वह अपने समर्थक सवारियों पर अपने निर्मूल्य और भावुक विचार लादकर बस्तियों में घुमाया करते हैं.
देवालय इनकी केंद्र होते हैं, जहाँ यह अपने देवों को सजाए 
गाहकों का इंतज़ार किया करते हैं.
दुन्या में, खास कर उपमहाद्वीप में धर्म व मज़हब इर्तेका (रचना-काल) के पैरों में बेड़ियाँ डाले हुए हैं. पश्चिम कहाँ से कहाँ पहुँच गया है, 
हम अजानों और घंटा घडियालों से लोगों की नीदें हराम किए हुए हैं. 



जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

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