tag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post1537784414463293285..comments2023-09-13T01:41:16.688-07:00Comments on <b>हर्फ़-ए-ग़लत-ll</b> <sub>(उम्मी का दीवान)</sub>: कुरआन सूरह हुज्र - १५जुनैद 'मोमिन'http://www.blogger.com/profile/13449175791700438349noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-26321433486317377492011-04-14T23:54:08.100-07:002011-04-14T23:54:08.100-07:00ये क्या पागलपन है एक तो जाकिर नाइक जिसके दिमाग में...ये क्या पागलपन है एक तो जाकिर नाइक जिसके दिमाग में भूसा भरा है और ये दूसरा असरफअली है जिनका भी कोई स्क्रू ढीला लगता है एक को संस्कृत ठीक से नहीं आती और एक को अरबी का मतलब करना नहीं आता दोनों ही अपने अपने नाम का प्रचार करने में लगे है में कोई इस्लाम या मुसलमानों का विरोधी नहीं हूँ लेकिन ऐसे लोगो का विरोधी हूँ जो की किसी भी धर्म ग्रन्थ का अपमान करके अपने आप को बड़ा चतुर और समजदार बताते है इन लोगो की आदत होती है ये किसी भी धर्म ग्रन्थ का अध्ययन नहीं किया करते लेकिन ये धर्म ग्रन्थ इस लिए पढ़ते है की उसमे से कुछ ऐसा मसाले दार मतलब निकला जाये कि दुनिया अचंभित हो जाये ये सब दया के पात्र है और इनका साथ देनेवाले विकृत मनो विचार वाले कहलायेंगे (अगर जाकिर नाइक को संस्कृत और असरफ को अरबी उर्दू सीखनी है तो में सिखाने के लिया तैयार हु बिलकुल निःशुल्क ) चाणक्य के अनुसार मूर्खो से कोई भी सम्बन्ध रखने वाला अंत में संकट ही पाता है तो असरफ अली और जाकिर नाइक ये दोनों को एक दुसरे पर कीचड़ उछालना है तो उछाले लेकिन इनके पास खड़े रह कर अपने ऊपर भी किचल उचालेंगा ये तय है तो इनसे दूर ही रहा जाये यही बुध्धिमानी है असरफ अली मुस्लिम हो कर मुस्लिम के उपास्यो को निचा दिखा रहा है तो क्या ये दुसरे धमो की इज्जत करेगा ? इनसे पूछो की फिर किसकी उपासना की जाये? क्या तुम लोगो की ? इससे पूछना भी बेकार होगा की, तुम्हारे स्वामी रामकृष्ण परमहंस के बारेमे क्या विचार है? या तो गरीब नवाज़ के बारे में क्या विचार है? विवेकानंद के बारेमे या तो सूफी संत निजामुदीन के बारेमे? कबीर, तुलसीदास, मीराबाई के बारे में ?क्यों की ये दोनों बकवास ही करने वाले है. मैं तो हिन्दू, जैन, बुद्ध, सिख, इसाई और सबको इनसे दूर ही रहने की सलाह देता हूँ . - श्री दासअवतारAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-92168237353976473132010-06-02T07:20:29.213-07:002010-06-02T07:20:29.213-07:00हमें आपके कलाम से मुहब्बत हो गयी हैहमें आपके कलाम से मुहब्बत हो गयी हैAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-57954120832355906522010-06-02T07:19:53.361-07:002010-06-02T07:19:53.361-07:00हमें आपके कलाम से मुहब्बत हो गयी हैहमें आपके कलाम से मुहब्बत हो गयी हैAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-29415345820984504802010-06-02T00:29:13.670-07:002010-06-02T00:29:13.670-07:00जिन बातों को अभी समझना है उन पर समय खराब न करो, सम...जिन बातों को अभी समझना है उन पर समय खराब न करो, समय का कोई भरोसा नहीं, इसलिये रहते समय आओ <br /><br />signature:<br />विचार करें कि मुहम्मद सल्ल. कल्कि व अंतिम अवतार और बैद्ध मैत्रे, अंतिम ऋषि <br />(इसाई) यहूदीयों के भी आखरी संदेष्टा? हैं या यह big Game against Islam है? <br />antimawtar.blogspot.com (Rank-2 Blog) <a href="http://antimawtar.blogspot.com/" rel="nofollow">डायरेक्ट लिंक</a><br /><br /><a href="http://islaminhindi.blogspot.com/2009/02/1-7.html" rel="nofollow">अल्लाह का चैलेंज पूरी मानव-जाति को</a><br /><br /><a href="http://islaminhindi.blogspot.com/2009/02/3-7.html" rel="nofollow">अल्लाह का चैलेंज है कि कुरआन में कोई रद्दोबदल नहीं कर सकता</a><br /><br /><a href="http://islaminhindi.blogspot.com/2009/02/blog-post.html" rel="nofollow">अल्लाह का चैलेंजः कुरआन में विरोधाभास नहीं</a><br /><br /><a href="http://islaminhindi.blogspot.com/2009/02/5-7.html" rel="nofollow">अल्लाह का चैलेंजः आसमानी पुस्तक केवल चार</a><br /><br /><a href="http://islaminhindi.blogspot.com/2009/02/4-7.html" rel="nofollow">अल्लाह का चैलेंज वैज्ञानिकों को सृष्टि रचना बारे में</a><br /><br /><a href="http://http://islaminhindi.blogspot.com/2009/02/2-7.html" rel="nofollow">अल्लाह का चैलेंज: यहूदियों (इसराईलियों) को कभी शांति नहीं मिलेगी</a><br /><br />छ अल्लाह के चैलेंज सहित अनेक इस्लामिक पुस्तकें<br />islaminhindi.blogspot.com (Rank-2 Blog) <br /><a href="http://islaminhindi.blogspot.com/" rel="nofollow">डायरेक्ट लिंक</a>Mohammed Umar Kairanvihttps://www.blogger.com/profile/06899446414856525462noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-84975136331012983372010-06-02T00:27:15.122-07:002010-06-02T00:27:15.122-07:00मामा का अनुवाद पेश करने वाले बेमानी अल्फाज पर तो ...मामा का अनुवाद पेश करने वाले बेमानी अल्फाज पर तो यह पढ ले एक मिसाल<br /><br />Miraculous quality of Qur’an mentioned immediately after these broken letters<br /> <br />Therefore immediately after these broken letters are mentioned in the Qur’an, the following verses speak about the miracle of the Qur’an, and its authority e.g. in Surah Baqarah Chapter 2 verse 1-2:<br /> <br />"Alif Laam Meem.<br />This is the Book; in it is guidance sure, without doubt, to those who fear Allah."<br />[Al-Qur’an 2:1-2]<br /><br />more:<br /><a href="http://www.ilovezakirnaik.com/misconceptions/b05.htm" rel="nofollow">Direct Link</a><br />http://www.ilovezakirnaik.com/misconceptions/b05.htmMohammed Umar Kairanvihttps://www.blogger.com/profile/06899446414856525462noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-75200353247585766532010-06-01T06:21:45.300-07:002010-06-01T06:21:45.300-07:00प्रिय जीम,
प्रिय संबोधन इसलिए की शुद्ध मानसिकता से...प्रिय जीम,<br />प्रिय संबोधन इसलिए की शुद्ध मानसिकता से स्पष्ठवादी हो।(इसलान कि दुनिया को आपका प्रत्युत्तर)<br />लेकिन कुछ लोग उन हदिसो को प्रामाणिक नहीं मानते(ज़ैदी का मन्तव्य) जिसमे इतना वीभत्स आलेखित है। यदि वे हदीसे अप्रमाणिक है तो आपका लेखन भी अश्लीलता की श्रेणी मे आएगा।<br />आपके कथन को प्रामाणिक सिद्ध करने की अपेक्षा है।<br />में आपसे सहमत हूँ कि कुरआन की आयते प्रथम दृष्टि में ही 'उम्मी की तुक' है। अस्पष्ट,अस्त-व्यस्त जोड़। इसीकारण लोग उसके कई मायने निकाल सकते है। और मूर्ख बनाने में सफल होते है।<br />"मोमिन बाईमान बनना, ईमान शब्द हिंदी शब्द कोष में नहीं है मगर बयान किया जा सकता है कि अंतर आत्मा की पुकार"<br /><br />-हम तो 'ईमान' का सीधा शब्दार्थ 'आस्था' से लेते थे।<br />क्या उसका भावार्थ आत्मा की आवाज़ है?सुज्ञhttps://www.blogger.com/profile/04048005064130736717noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-4465482219546855192010-06-01T02:22:50.308-07:002010-06-01T02:22:50.308-07:00सादर वन्दे !
इतना बीभत्स आईना दिखाया आपने कि किसी ...सादर वन्दे !<br />इतना बीभत्स आईना दिखाया आपने कि किसी को भी इनसे नफ़रत हो जाये ! उससे बड़ी बात मै आपके हिम्मत कि दाद देता हूँ |aaryahttps://www.blogger.com/profile/08420022724928147307noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-28356804673327089122010-05-31T22:16:44.742-07:002010-05-31T22:16:44.742-07:00कृपया अपना ई मेल पता प्रकाशित करिएकृपया अपना ई मेल पता प्रकाशित करिएकहत कबीरा-सुन भई साधोhttps://www.blogger.com/profile/12607934105498698222noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-90165224321970932010-05-31T21:34:59.793-07:002010-05-31T21:34:59.793-07:00बनाम इस्लाम की दुनिया
महोदय,
बहुत कठिन है डगर पनघट...बनाम इस्लाम की दुनिया<br />महोदय,<br />बहुत कठिन है डगर पनघट की. सब से पहले आप को तौबा करके मोमिन बाईमान बनना होगा, ईमान शब्द हिंदी शब्द कोष में नहीं है मगर बयान किया जा सकता है कि अंतर आत्मा की पुकार को ईमान कहा जाता है, फिर भी अपने भीतर धर्म काँटे की तौल का सत्य लाना होगा. आपके निमंत्ररण पर मैं आप के ब्लाग पर गया. तथा कथित धार्मिक दुन्य की गाली गलौज की सडान्ध से मेरा दम घुटने लगा. मानवता के लिए कुछ कर सकते हैं तो आप के अन्दर बैठा जीव ही आपका उस्ताद है.जुनैद 'मोमिन'https://www.blogger.com/profile/13449175791700438349noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-54412895959033810822010-05-31T20:54:03.710-07:002010-05-31T20:54:03.710-07:00मान गए उस्ताद! हमें अपना शागिर्द बना ही लो. सब्र न...मान गए उस्ताद! हमें अपना शागिर्द बना ही लो. सब्र नहीं होता...https://www.blogger.com/profile/10433902105577171258noreply@blogger.com