tag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post5880592599907792106..comments2023-09-13T01:41:16.688-07:00Comments on <b>हर्फ़-ए-ग़लत-ll</b> <sub>(उम्मी का दीवान)</sub>: क़ुरआन -सूरह कुहफ़ १८जुनैद 'मोमिन'http://www.blogger.com/profile/13449175791700438349noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-56774173091011847812018-08-04T09:40:37.992-07:002018-08-04T09:40:37.992-07:00तुम राईट नहीं हो ,,बहू से शादी , और 6 साल की मासूम...तुम राईट नहीं हो ,,बहू से शादी , और 6 साल की मासूम से शादी ,करने में क्या फल्सफा मुज्मिर है? अगर इसी में उम्मत की बेहतरी बता रहे हो तो उम्मत यही सब करे , शर्म करने की कोई अवस्यकता है ।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-65263284350848576822014-08-25T05:07:20.974-07:002014-08-25T05:07:20.974-07:00BHAI MUJHE YE TO NAHI PATA KI AAP KON HO PER AAP K...BHAI MUJHE YE TO NAHI PATA KI AAP KON HO PER AAP KE IS POST KO PADH KAR BADI HASI AA RAHI HAIAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-28524033185804582172010-07-16T14:09:46.332-07:002010-07-16T14:09:46.332-07:00भाई साहिब जी नमस्ते ...भाई साहिब जी नमस्ते आपने काफी अच्छा लिखा हैं बस इन पर लिखते ही जाईए पाल इटलीlivetvonlineblogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/10661225747416420530noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-22289913369977583092010-07-06T10:01:55.634-07:002010-07-06T10:01:55.634-07:00मोमिन को उस्तरा मिल गया है कि वह इस्लामी आलिमों की...मोमिन को उस्तरा मिल गया है कि वह इस्लामी आलिमों की रीशे-पशनीमा को मूंडे.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-62120903948507070702010-07-03T21:08:51.710-07:002010-07-03T21:08:51.710-07:00आप ब्लोगिंग के बारे में किसी विश्वसनीय व्यक्ति से ...आप ब्लोगिंग के बारे में किसी विश्वसनीय व्यक्ति से सहायता ले सकते हैंAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-79229730322877464612010-07-03T21:07:13.466-07:002010-07-03T21:07:13.466-07:00अबू बकर की एक नौ साल की बेटी आयशा थी मुहम्मद की पह...अबू बकर की एक नौ साल की बेटी आयशा थी मुहम्मद की पहली औरत खदीजा मर चुकी थी.मुहम्मद ५४ साल का था .तभी उसकी नजर आयेशापर पड़ी.उसने अबू बकर को खलीफा बनाने का लालच दिया ,और छोटीसी आयेशा से शादी का दवाब डाला. आयेशा को शादी के बारे में ज्ञान ही नहीं था.मुहमद की दासियाँ आयेशा कु उठाकर मुहम्मद के कमरे में ले गयीं.आयेशा चिलाती रही,रोती उसकी आवाज दवाने के लिए औरतें शोर करती रही . <br />सही मुस्लिम-किताब८,हदीस-३३०९<br />बुखारी-खन्द७,हदीस -६५<br />जब तक मुहम्मद अपनी मन मानी नहीं कर चुका दूउसरी औरतें शोर मचाती रही ,ताकि किसी को पता नहीं चले क्या हो रहा है.<br />सही मुस्लिम -खंड २ हदीस ३३०९<br />एकबार मुसलमान मिस्र से एक १७ साल की ईसाई कुंवारी लड़की मारिया किब्तिया को लूट कर और मुहम्मद के हवाले कर दिया.मुहम्मद की नीयत खराब हो गयी .जब वह मारिया के साथ सम्भोग कर रहा था तो उसकी एक औरत हफ्शा ने देख लिया और मुहम्मद ऐसा करने का कारण पूछा.मुहम्मद ने कहा कि यहमैं अल्लाह के आदेश से कर रहा हूँ इसमे अल्लाह ने अनुमति दी है.<br />कुरआन-सूरा अह्जाब -३३.३७<br />अल्लाह ने कहा है लूट में पकड़ी गयी औरतोंसे तुम सम्भोग कर सकते हो.यह तुम्हारी संपत्ति हैं<br />कुरआन-सूरा निसा ४/२३-२४<br /><br />कुरआन -सूरा अहजाब ३३.३७<br />मुहम्मद ने कहा कि यह इसलिए कर रहा हूँ कि अल्लाह चाहता है कि मुझे औरतों की तंगी नहीं रहे चाहे वह चाचा , मामा .फूफू कि बेटी ,या दत्तक पुत्र की पत्नी ही होAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-73612227108950296222010-07-03T21:03:33.748-07:002010-07-03T21:03:33.748-07:00अबू बकर की एक नौ साल की बेटी आयशा थी मुहम्मद की पह...अबू बकर की एक नौ साल की बेटी आयशा थी मुहम्मद की पहली औरत खदीजा मर चुकी थी.मुहम्मद ५४ साल का था .तभी उसकी नजर आयेशापर पड़ी.उसने अबू बकर को खलीफा बनाने का लालच दिया ,और छोटीसी आयेशा से शादी का दवाब डाला. आयेशा को शादी के बारे में ज्ञान ही नहीं था.मुहमद की दासियाँ आयेशा कु उठाकर मुहम्मद के कमरे में ले गयीं.आयेशा चिलाती रही,रोती उसकी आवाज दवाने के लिए औरतें शोर करती रही . <br />सही मुस्लिम-किताब८,हदीस-३३०९<br />बुखारी-खन्द७,हदीस -६५<br />जब तक मुहम्मद अपनी मन मानी नहीं कर चुका दूउसरी औरतें शोर मचाती रही ,ताकि किसी को पता नहीं चले क्या हो रहा है.<br />सही मुस्लिम -खंड २ हदीस ३३०९<br />एकबार मुसलमान मिस्र से एक १७ साल की ईसाई कुंवारी लड़की मारिया किब्तिया को लूट कर और मुहम्मद के हवाले कर दिया.मुहम्मद की नीयत खराब हो गयी .जब वह मारिया के साथ सम्भोग कर रहा था तो उसकी एक औरत हफ्शा ने देख लिया और मुहम्मद ऐसा करने का कारण पूछा.मुहम्मद ने कहा कि यहमैं अल्लाह के आदेश से कर रहा हूँ इसमे अल्लाह ने अनुमति दी है.<br />कुरआन-सूरा अह्जाब -३३.३७<br />अल्लाह ने कहा है लूट में पकड़ी गयी औरतोंसे तुम सम्भोग कर सकते हो.यह तुम्हारी संपत्ति हैं<br />कुरआन-सूरा निसा ४/२३-२४<br /><br />कुरआन -सूरा अहजाब ३३.३७<br />मुहम्मद ने कहा कि यह इसलिए कर रहा हूँ कि अल्लाह चाहता है कि मुझे औरतों की तंगी नहीं रहे चाहे वह चाचा , मामा .फूफू कि बेटी ,या दत्तक पुत्र की पत्नी ही होAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-58911899846813779872010-07-03T20:26:30.805-07:002010-07-03T20:26:30.805-07:00वास्तविकता ये है की बन्दर को अस्तुरा मिल गया है.वास्तविकता ये है की बन्दर को अस्तुरा मिल गया है.impacthttps://www.blogger.com/profile/09650609253555091496noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-13576416809957012252010-07-03T07:18:01.103-07:002010-07-03T07:18:01.103-07:00आप लोगों को मोमिन का सलाम पहुँचे
मुसलमान फिलहाल कु...आप लोगों को मोमिन का सलाम पहुँचे<br />मुसलमान फिलहाल कुरआन की भाषा को ही हर्फे-सदाक़त समझते हैं मगर धीरे धीरे मेरी बातें समझेंगे. इस ब्लाग की दुन्या ने मुझे ज़बान खोलने हा हक अता किया है, वर्ना ५६ साल से मेरी आवाज़ को मंज़रे आम पर लाना अपनी मौत को दावत देना था. ब्लागिंग में मैं अनाड़ी हूँ जिसकी वजेह से कुछ परेशानी होती है. आप लोग मेरी तहरीक को बल दें, यह असली सवाब होगा. मै मुस्लिम अवाम को जगा रहा हूँ कि यह काम इस वक़्त ज़रूरी है. हूँ तो आखिर इन्हीं मजलूमों में से. इसे इंसानी दर्द समझिए, न कि जानिबदारी *<br />शुक्रियाजुनैद 'मोमिन'https://www.blogger.com/profile/13449175791700438349noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-82498123614084433312010-07-03T05:10:22.381-07:002010-07-03T05:10:22.381-07:00मोमिन को मुरीद सलाम करता है. राहे-हक़ पर कोई तो है...मोमिन को मुरीद सलाम करता है. राहे-हक़ पर कोई तो है जो जाहिलों को बेदार करने की कोशिश कर रहा है. मुस्लमान कुंएं के मेंढक बने रहना चाहते हैं. जो भी हक़ की बात करता है उसको दुश्मन समझते हैं. मैं और मेरा पूरा ख़ानदान तरके-इस्लाम कर चुका है. आपके कलाम को आम ओगों तक पहुँचाने का काम होना चाहिए. मुझसे जो बन पड़ेगा करूँगा.<br />आपका एक मुरीदAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-47943629263510531612010-07-03T05:08:00.726-07:002010-07-03T05:08:00.726-07:00मोमिन को मुरीद सलाम करता है. राहे-हक़ पर कोई तो है...मोमिन को मुरीद सलाम करता है. राहे-हक़ पर कोई तो है जो जाहिलों को बेदार करने की कोशिश कर रहा है. मुस्लमान कुंएं के मेंढक बने रहना चाहते हैं. जो भी हक़ की बात करता है उसको दुश्मन समझते हैं. मैं और मेरा पूरा ख़ानदान तरके-इस्लाम कर चुका है. आपके कलाम को आम ओगों तक पहुँचाने का काम होना चाहिए. मुझसे जो बन पड़ेगा करूँगा.<br />आपका एक मुरीदAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-22004757101515201952010-07-03T00:23:10.798-07:002010-07-03T00:23:10.798-07:00"मलऊन ओलिमा इन जेहाल्तो में मानेयो-मतलब पिरो ..."मलऊन ओलिमा इन जेहाल्तो में मानेयो-मतलब पिरो रहे हैं." <br />स्वार्थी ओलिमा इन दुष्कृत्यो में अपने मतलब के अर्थ पिरो रहे हैं।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-14432110789882046582010-07-02T23:57:49.636-07:002010-07-02T23:57:49.636-07:00वह कौन जी मजबूरी थी नबी के साथ की उन्होंने जैनब से...वह कौन जी मजबूरी थी नबी के साथ की उन्होंने जैनब से पहले शादी नहीं की? अगर वह उनसे पहले ही शादी करना चाहते तो किसकी हिम्मत थी उन्हें रोकने की? लेकिन उन्होंने उसकी शादी ज़ैद से की. ज़ैद के ऊपर उन्होंने दो एहसान किये. पहला ये की उन्होंने उसे गुलामी से आज़ाद करके उसे अपना मुंहबोला बेटा बनाया, और दूसरे ये की अपनी बहन का हाथ उसके हाथ में दे दिया. हालांकि इसपर पूरे कुरैश खानदान ने एतराज़ किया था. ज़ैद ने इन एहसानों का बदला ऐसे उतारा की अपनी बीवी और नबी पर शक करके अपनी बीवी को तलाक़ दे दिया. जबकि नबी ने उसे समझाने की पूरी कोशिश की. जिसका ज़िक्र कुरआन में इस तरह है<br />{अहज़ाब 37<br />और जब तुम उस शख्स (ज़ैद) से कह रहे थे जिस पर अल्लाह ने एहसान किया था और तुमने उस पर एहसान किया था कि <b>अपनी बीबी (ज़ैनब) को अपनी ज़ौज़ियत में रहने दे और अल्लाह से डरे</b> खुद तुम इस बात को अपने दिल में छिपाते थे जिसको अल्लाह ज़ाहिर करने वाला था...... }<br />उस वक़्त नबी ने सभी की बेहतरी के लिए जैनब से शादी की. हालांकि उन्हें इसकी कोई ज़रुरत नहीं थी. उनके पास पहले से कई बीबियाँ मौजूद थीं. फिर एक तलाक्याफ्ता उम्रदराज़ की उन्हें क्या ज़रुरत थी? लेकिन नबी ने हमेशा जो भी क़दम उठाया वह उम्मत की भलाई के लिए उठाया.<br />तुम्हारे एतराजात वही हैं जो ईसाईयों और यहूदियों के हैं, लेकिन ऐसा करके तुम उस जज की तरह सुलूक कर रहे हो जो कुछ खुराफातियों की बातों में आकर एक मासूम बच्चे को फांसी पर लटका दे.zeashan haider zaidihttps://www.blogger.com/profile/16283045525932472056noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1343468070249503733.post-67758399257336608492010-07-02T06:28:32.923-07:002010-07-02T06:28:32.923-07:00"मलऊन ओलिमा इन जेहाल्तो में मानेयो-मतलब पिरो ..."मलऊन ओलिमा इन जेहाल्तो में मानेयो-मतलब पिरो रहे हैं."Anonymousnoreply@blogger.com