मेरी तहरीर में - - -
क़ुरआन का अरबी से उर्दू तर्जुमा (ख़ालिस) मुसम्मी
''हकीमुल उम्मत हज़रत मौलाना अशरफ़ अली साहब थानवी''का है,
हदीसें सिर्फ ''बुख़ारी'' और ''मुस्लिम'' की नक्ल हैं,
और तबसरा ---- जीम. ''मोमिन'' का है।
''हकीमुल उम्मत हज़रत मौलाना अशरफ़ अली साहब थानवी''का है,
हदीसें सिर्फ ''बुख़ारी'' और ''मुस्लिम'' की नक्ल हैं,
और तबसरा ---- जीम. ''मोमिन'' का है।
नोट: क़ुरआन में (ब्रेकेट) में बयान किए गए अलफ़ाज़ बेईमान आलिमों के होते हैं,जो मफ़रूज़ा अल्लाह के उस्ताद और मददगार होते हैं और तफ़सीरें उनकी तिकड़म हैं और चूलें हैं.
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ब्रह्मा विष्णु महेश
प्रिय हिन्दू पाठको !
पहली बार मैं ने ब्रह्मा विष्णु महेश के शीर्षक से हिन्दू धर्म पर कलम उठाई है ,
सोचा था तूफ़ान खड़ा होगा , मगर नहीं , लोगों ने मेरे साथ रिआयत इस लिए भी किया कि मैं इस्लाम की बखिया जो उधेड़ता रहता हूँ .
इसके बर अक्स मुस्लिम पाठको ने तो आसमान सर पर उठा लिया था ,
उनके बनिसबत 1% ही रद्दे अमल हुवा .
अब मुसलमान भी अपना बुरा भला समझने लगे हैं ,
जो बद जुबानी किया करते थे वह अच्छे दोस्त बन चुके हैं .
शुक्रया दोसतो ! तुम बदलना जानते हो, हमेशा से तुम में यह सलाहियत रही है .
हिन्दू समाज एक हाथ घूँघट को त्याग कर आज उनकी बहन बेटियां मर्दों के शाने बशाने खड़ी हैं ,
मुस्लिम बच्चियां अब bhi भी बुरक़े की शिकार हैं .
एक पाठक ने अपने समाज का अपमान करते हुए मुझे माँ की गाली दी है ,
शायद अभी बालिग़ नहीं हुवा होगा ,
यह भी नहीं जानता कि बूढ़े को माँ की गाली नहीं दी जाती .
मेरी माँ को मरे हुए 65 वर्ष गुज़र गए ,
इस गाली को मैं क्या करूँ , इस लिए मै उसको वापस करता हूँ ,
हो सकता है उसकी माँ जवान हो ,
उसके काम आए ,
उसे ही मुबारक .
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जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान
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