जम्हूरियत के सौग़ात
तथा कथित बाबा राम देव एक मदारी है
जो योग के नाम पर उछल कूद करता है.
वह अव्वल दर्जे का अय्यार है जो भोले भाले अवाम को ठगता है.
पैसे से दूर दिखने वाला ये धूर्त अपने हर काम में पैसे की दुर्गन्ध सूंघता है.
इसकी एक ही प्रेक्टिस है
"पेट की धौकनी"
इसका तमाशा ये कुईन विक्टोरिया तक को दिखा चुका है.
अफ़सोस होता है अवाम पर जो इसकी लकवा ग्रस्त आँखे और
चेहरे को देख कर भी इसे हर बीमारी का मसीहा मानते हैं.
रामदेव एक फटीचर गवइए से अरबों का मालिक बन गया है,
उसकी तमन्नाएँ यहीं तक सीमित नहीं,
बल्कि वह देश का राष्ट्र पति बन्ने का सपना देख रहा है.
योग ग़ुरु तो उसने ख़ुद को स्थापित कर ही लिया है,
अब औषधि सम्राट की दौड़ में शामिल है.
परदे के पीछे राम देव क्या है,
इसका पोल भी जल्द ही दुन्या के सामने आ जायगा.
इसको बढ़ावा देने वाले या तो सीधी सादी जनता है या फिर
मुट्ठी भर मालदार अंध विश्वासी लोग.
खेद है कि भेड़ चाल चलने वाली जनता के लिए
वह जम्हूरियत की सौग़ात है.
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जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान
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