वेद दर्शन
हे अग्नि !
तुम शत्रु-सैन्य हराओ.
शत्रुओं को चीर डालो तुम किसी द्वारा रोके नहीं जा सकते.
तुम शत्रुओं का तिरस्कार कर इस अनुष्ठान करने वाले यजमान को तेज प्रदान करो
|३७| यजुर्वेद १.९)
* वेदों और क़ुरान में चीर फाड़ करने वाली अमानवीय घोषणाएं ही मिलेगी.
जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान
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