वेद दर्शन
खेद है कि यह वेद है . . .
एयमगन....................सहागमम || (अथर्व वेद २-३०-५)
अर्थ: इस औरत को पति की लालसा है और मुझे पत्नी की लालसा है. मैं इसके साथ कामुक घोड़े की तरह मैथुन करने के लिए यहाँ आया हूँ.
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जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान
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