मैंने जब लिखना शुरू किया तो उर्दू में हिंदी के शब्द लाना अजीब सा लगता, जैसे बिरयानी में दाल मिला कर खा रहे हों.
इसी तरह हिंदी लिखने में उर्दू अल्फ़ाज़ खटकते.
उचित तो ये है कि जो लफ्ज़ माक़ूलियत को लेकर ज़ेहन में आएँ, उसे लिख मारें.
धीरे धीरे माक़ूलियत का दिल पर ग़लबा होता गया और अब मुनासिब शब्दों को चुनने में कोई क़बाहत नहीं होती.
अकसर मेरे हिंदी पाठक उलझ जाते हैं, मैं उनको सुलझाए रहता हूँ.
अपने दिल की बात मैं जिस ज़बान में अदा करता हूँ, उस भाषा को मैंने नाम दिया है,
"हिन्दुर" (हिंदी+उर्दू)
धीरे धीरे पाठक मेरी "हिन्दुर" को समजने लगेंगे,
इसमें उनका भी फ़ायदा है कि वह दोनों ज़बानों के वाक़िफ़ कार हो जाएँगे.
जहाँ तक भाषाओं की बात की जाए तो, उर्दू में अपनी एक चाशनी है,
बहुत मुकम्मल और सुसज्जित ज़बान है.
जब कि हिंदी आज भी अधूरी भाषा है,
जिसकी बुन्याद ही ऐसी पड़ी है कि सुधार मुमकिन नहीं.
उर्दू में नफ़ासत और बाँकपन है,
हिंदी में ज़बान की रवानी (Flow) नहीं, भद्दा पन अलग से, उच्चारण ही मुहाल है.
मिसाल के तौर पर अभी अभी अवतरित होने वाला शब्द "सहिष्णुता".
इसे उर्दू में रवादारी (Ravadari) कहते हैं जोकि कितना आसान है.
उर्दू कानों में तरन्नुम घोलती है,
हिंदी कान में कभी कभी तो कंकड़ जैसी लगती है.
उर्दू में अरबी, फ़ारसी, तुर्की, हिंदी अंग्रेज़ी और यूरेशियाई आदि कई ज़बानों के शब्द हैं. जिन से वह मालामाल है. सब ज़बानों की विरासत है उर्दू.
नशेमन पर मेरे बार ए करम सारी ज़मीं का है,
कोई तिनका कहीं का है , कोई तिनका कहीं का है .
अपने संगीत मय शब्दावली और उन सब के ग्रामर का असर है उर्दू पर,
जिससे हिंदी महरूम है.
उर्दू ने संस्कृत के शब्द भी लिए हैं मगर उनका उर्दू करण करते हुए. ण च छ ठ ढ भ जैसे कई अक्षर उर्दू में नहीं,
फ़ारसी ने इन में से कुछ अक्षर को लिया ज़रूर है मगर इनसे बने हुए अकसर शब्द सभ्य समाज के लिए नकार्मक अर्थ रखते हैं.
हिदुस्तान में प्रचलित सारी गालियाँ फ़ारसी भाषा की देन हैं.
उर्दू ने हिंदी और अंग्रेज़ी के शब्दों को लिया मगर इनमें करख्त कठोर अक्षर को बदल कर, जैसे यमुना =जमना, रामायण =रामायन, करके.
ऐसे ही Madam को मादाम करके.
मुझे दोनों भाषाएँ अज़ीज़ हैं अपनी दोनों आँखों की तरह.
***
तालीम से गाफ़िल,फ़ने-ओन्का से अलग,
बदहाली में अव्वल, सफ़े-आला से अलग,
गुमराह किए है इन्हें अल्लाह 'मोमिन',
दुन्या है मुसलमानों की दुन्या से अलग
The Hidden Truth.
Sunday, 23 August 2020
हिन्दुर
हिन्दुर
जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान
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