मुस्लिम - - - किताबुल हुदूद
मख़ज़ूमी क़बीले की एक ख़ातून को मुहम्मद ने चोरी के जुर्म में पकड़ा और ख़ुद उसका हाथ अपने हाथों से क़लम किया.
इसके लिए लोगों ने काफ़ी कोशिश की कि ख़ातून एक मुअज़ज़िज़ क़बीले की फ़र्द थीं और चोरी बहुत मामूली थी, लोगों ने मुहम्मद के चहीते ओसामा से भी सिफ़ारिश कराई मगर मुहम्मद न म़ाने.
बोले शरीफ़ को सज़ा न दी जायगी तो रज़ील एतराज़ करेंगे. बरहाल कसाई तबअ मुहम्मद ने उस सिन्फ़ ए नाज़ुक के हाथ कट डाले.
* बड़ा सवाल ये उठता है कि जेहाद के पहाड़ जैसे डाका को वह हक़ बजानिब ठहराते थे और राई जैसी चोरी को बड़ा जुर्म, मुहम्मद को इस जिहादी डाके की सज़ा इनकी सर क़लमी से वसूली जाती, अगर वह किसी डाके में नाकाम होकर गिरफ़्तार होते.
***
जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान
No comments:
Post a Comment