ब्रह्मा विष्णु महेश
(दूसरी क़िस्त)
विष्णु भगवान के बारे में मेरी मालूमात अधूरी है, जितना सुना सुनाया मिला वही बहुत है.
विष्णु महाराज का वजूद भी अजीब व् ग़रीब है,
ग्रन्थ रचना कार ब्राह्मणों ने इन्हें समुद्र से बरामद किया.
मेरा क़यास है कि यह भी आर्यन का आयातित तुक्का है कि
इनकी हस्ती पानी सैलाब और कश्ती से है,
यह हो सकते है आर्यन पूर्वज नूह जिन्हें मुसलमान नूह अलैहिस्सलाम कहते है,
समुद्र उत्पत्ति विष्णु हों. नूह की पहचान भी सैलाब के पानी से है.
"वैष्णव जन तो उनको कहिए जो पैर पराई जाने रे "
यह कौन थे ? दुन्या के दुःख दर्द जानने वाले ??
शाश्त्र तो विष्णु को ब्रह्मा के शरीर अंगों को स्थापित और संचालित करने का काम दिया गया, बतलाते हैं जिसके अंतर्गत चार मानव जातियां विष्णु ने संचालित कीं -
ब्रह्मण - - - जो ब्रह्मा के मुख से पैदा हुवे और धरती लोक के परमेश्वर बने.
क्षत्रीय - - - ब्रह्मा के बाहों से निर्मित हुए जिनको कर्तव्य स्वरूप ब्राह्मणों का संरक्षण का काम मिला. यह प्रतापी राजा और महा राजा हुवा करते मगर होते बरहमन दास.
वैश्य - - - तीसरे दर्जे के मानुस हुए. इनको बस इतना ही समझे जैसे चीटियों में मज़दूर चीटियाँ होती हैं. यह ब्रह्मा के जांघों से निर्मित हुए अतः ब्राह्मणों और क्षत्रीयों की सेवा दौड़ दौड़ कर किया करें और अपने जंघा धर्म का पालन करें.
चौथे शूद्र - - - तीनों वर्गों की सेवा और सेवा का मेवा के नाम पर ?
इनका ही जूठन खाएँ, वह भी मिटटी के बर्तनों में,
वह भी जो साबूत न हों, टूटे फूटे हुए हों.
विसतार मनु स्मृति में देखें, रोंगटे खड़े कर देने वाले अत्याचार.
मुल्लाजी इब्राहीम को नूह की दसवीं संतान मानते हैं और
नूह को आदम की दसवीं संतान.
आदम शायद दुन्या का पहला सभ्य पुरुष हुवा हो
जिसने नग्नता को ढकने का आभास किया.
आदम की तौरेती और कुरानी कहानियां पूरी तरह से कपोल कल्पित हैं,
इतना ज़रूर लगता है कि 6500 वर्ष पहले कोई इंसानों को पहला पूर्वज हुवा हो जिसे इंसानियत ने मील का पथर बनाया हो ?
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जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान
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