शपथ गीता की, जो कहूँगा सच कहूँगा. (62)
अर्जुन ने कहा - - -
>हे कृष्ण ! जो लोग शास्त्र का पालन न करके अपनी कल्पना के अनुसार पूजा करते हैं, उनकी स्थिति कौन सी है ?
वो सतोगुणी गुणी हैं, रजोगुणी हैं या तमोगुणी ?
भगवान् श्री कृष्ण कहते हैं - - -
>>सतो गुणी देवताओं को पूजते हैं,
रजो गुणी यक्षो व् राक्षसों की पूजा करते हैं
और तमोगुणी व्यक्ति भूत-प्रेतों को पूजते हैं.
>>>यज्ञों में वही यज्ञ सात्त्विक होता है, जो शास्त्रों निर्देशानुसार कर्तव्य समझ कर लोगों द्वारा किया जाता है, जो फल की इच्छा नहीं करते.
>>>> जो यज्ञ शास्त्रों के निर्देश की अवहेलना करके, प्रसाद वितरण किए बिना, पुरोहितों को दक्षिणा दिए बिना, तथा श्रद्धा के बिना संपन्न किया जाता है, वह तमसी माना जाता है.
श्रीमद् भगवद् गीता अध्याय -17 श्लोक -1-4- 11
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ब्रह्मनो द्वारा रचा गया माया जाल जो आज तक उनकी पीढ़ियों का उद्धार करता है और बाकियों का सर्व
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जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान
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