शपथ गीता की, जो कहूँगा सच कहूँगा (72)
भगवान् श्री कृष्ण कहते हैं - - ->सदैव मेरा चिंतन करो, मेरे भक्त बनो, मेरी पूजा करो और मुझे नमस्कार करो. इस प्रकार से तुम निश्चित रूप से पास आ जाओगे. मैं तुहें वचन देता हूँ, क्यों कि तुम मेरे परम प्रिय मित्र हो.
>>समस्त प्रकार के धर्मों का परित्याग करो और मेरी शरण में आओ. मैं समस्त पापों से तुम्हारा उद्धार कर दूंगा. डरो मत.
श्रीमद् भगवद् गीता अध्याय - 18 श्लोक 59- 63
जो व्यक्ति भक्तों को यह परम रहस्य बताता है,
वह स्गुद्ध भक्ति को प्राप्त करेगा
और अंत में वह मेरे पास वापस आएगा.
इस संसार में उसकी अपेक्षा कोई सेवक न तो मुझे अधिक प्रीय है और न कभी होगा.
और मैं घोषित करता हूँ कि जो हमारे इस पवित्र संवाद का अध्ययन करता है, वह अपनी बुद्धि से मेरी पूजा करता है.
और जो श्रद्धा समेत तथा द्वेष रहित होकर इसे सुनता है,
वह सारे पापों से मुक्त हो जाता है
और उन शुभ लोकों को प्राप्त होता है, जहाँ पुण्य आत्माएं निवास करती हैं.
श्रीमद् भगवद् गीता अध्याय - 18 श्लोक 68-69-70-71
*क्या आज आज़ाद भारत में जहाँ गरीबों को रेखाएं दबा रही हों,
ऐसी तालीम देना जुर्म नहीं ?
भोले भले आस्थावान नागरिकों को यह ब्लेक मेल नहीं करती ?
और क़ुरआन कहता है - - -
देखिए मुहम्मद के मुंह से अल्लाह को या अल्लाह के मुंह से मुहम्मद को,
यह बैंकिंग प्रोग्राम पेश करते हैं
जेहाद करो - - - अल्लाह के पास आपनी जान जमा करो ,
मर गए तो दूसरे रोज़ ही जन्नत में दाखला,
मोती के महल, हूरे, शराब, कबाब, एशे लाफानी,
अगर कामयाब हुए तो जीते जी माले गनीमत का अंबार
और अगर क़त्ताल से जान चुराते हो का याद रखो
लौट कर अल्लाह के पास ही जाना है,
वहाँ खबर ली जाएगी.
(सूरह अलबकर-२ तीसरा परा तिरकर रसूल आयत २४४+२४५)
कितनी मंसूबा बंद तरकीब है बे वक़ूफ़ो के लिए
और अल्लाह की राह में क़त्ताल करो.
कौन शख्स है ऐसा जो अल्लाह को क़र्ज़ दिया
और फिर अल्लाह उसे बढा कर बहुत से हिस्से कर दे
और अल्लाह कमी करते हैं और फ़र्राख़ होते हैं और तुम इसी तरफ ले जाए जाओगे.
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जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान
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