सीता कथा
भारत में ग़ुलाम वंशज के दूसरे बादशाह अल्तुतमिश के वक्त में बाल्मीकि कानपुर की वन्धाना तहसील में बिठूर स्थित गाँव में रहते थे.
उन्होंने सीता नाम की तलाक़ शुदा औरत को पनाह दी थी.
बिठूर जाकर इस विषय में बहुत सी जानकारियाँ और निशानियाँ आज भी जन जन की ज़ुबान पर है.
बाल्मीकि रामायण संस्कृत में, सीता पर लिखी एक रोचक कथा मात्र है.
तुलसी दास ने हिंदी में अनुवाद कर के इस में बड़ा हेर फेर किया है.
रचना को दिलचस्प कर दिया है.
इसी सीता राम की कहानी को मनुवाद ने भारत का धर्म घोषित कर दिया है.
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जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान
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