वज्दानी कैफ़ियत
क़ुरआन मुहम्मद की वज्दानी कैफ़ियत में बकी हुई ऊट पटाँग
बातों का एक ऐसा मजमूआ ए कलाम है जिसका कुछ जंगी फ़तूहात से इस्लामी ग़लबा क़ायम हो जाने के बाद, मज़ाक उड़ाना जुर्म क़रार दे दिया गया.
जंगों से हासिल माले ग़नीमत ने इसे मुक़द्दस बना दिया.
फ़तह मक्का के बाद तो यह उम्मी की पोथी,
शरीयत बन कर मुमालिक के क़ानून व क़ाएदे बन्ने लगी.
इसके मुजरिमीन ओलिमा ने तलवार तले अपने ज़मीरों को गिरवीं
रखना
जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान
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