Monday 15 July 2019

इस्लाम एक फार्मूला है,

 इस्लाम एक फार्मूला है,   

ओसामा बिन लादेन की मौत के बाद मुजाहिदे इस्लाम दुन्या भर में बिरझाए हुए हैं. भारत में ये अपनी दीवानगी का मुज़ाहिरा नहीं कर पा रहे, 
क्यूंकि पिछले दिनों हुकूमत ए हिंद ने सख़्त होकर इनको सबक़ दे दिया है
कि अपने मज़हबी जूनून को अपने घर तक सीमित रखो.
अब  इनकी इतनी भी ताक़त नहीं बची कि
दूसरे किसी ग़ैर मुस्लिम मुल्क में अपनी दीवानगी का इज़हार करें,
ले दे के ये दीवाने मुस्लिम मुमालिक में अपनी बुज़दिली को अंजाम दे पा रहे हैं.
ख़ास कर पकिस्तान में आए दिन खूँ रेज़ी हो रही है.
इस्लाम की तहरीक रही जेहाद के ज़रीए कमाई का रास्ता बनाओ,
इसके सूत्रधार हैं ओलिमा, यही ज़ात हमेशा आम मुसलमानों को बहकाती रही है,
इस्लाम एक तरीक़ा है, एक फार्मूला है, ब्लेक मेलिंग द्वारा भरण पोषण का.
 लोगों को मुसलमान बना कर अपने लिए साधन बनाओ,
ये इंसान को जेहादी बनाता है,
जेहाद का मक़सद है लूट मार, वह चाहे ग़ैर मुस्लिम का हो चाहे मुसलामानों का. इतिसस गवाह हैं कि मुसलामानों ने जितना ख़ुद मुसलामानों का ख़ून किया है, उसका सवां हिस्सा भी काफ़िरों और मुशरिकों का नहीं बहाया.
आज पकिस्तान इस्लामी जेहादियों का क़त्ल गाह बना हुवा है.
इसको इसकी सज़ा मिलनी भी चाहिए. 
इस्लाम के नाम पर किसी देश का बटवारा किया था.
इसके नज़रिए को मानने वाले तर्क वतन को
मज़हब की बुनियाद पर तरजीह दिया था.
इसके बानी मुहम्मद अली जिना जिन्होंने क़ौम को
इस्लामी क़त्ल गाह के हवाले कर देने का अज़ाब मोल लिया.
उनकी रूह को इस्लामी जहन्नम में पड़ा होना चाहिए
मगर काश कि इस्लामी जन्नत या जहन्नम में कुछ सच्चाई होती.
हिन्दुतान अपनी तहजीब की बुन्यादों पर इर्तेकाई मंजिलों पर गामज़न है. \मुसलामानों को चाहिए कि अपनों आँखें खोलें.
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जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

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