Thursday 3 September 2020

लिंग भेद

लिंग भेद 

      भारतीय सभ्यता में लिंग एक सामान्य शब्द है और बहु प्रचलित, 

बल्कि इसे मुक़द्दस अर्थात पवित्र शब्द कहा जाए तो मुनासिब होगा. 
मंदिरों में शिव लिंग की पूजा पाठ भी होती है. 
आम तौर पर शिव लिंग कटुवे देखे जाते हैं. 
नईं अवधारणा के अंतर्गत अब पूर्ण शिव लिग्ग की स्थापना हो रही है. 
सिद्धि वाडी (धरम शाला) के चिनिमय मिशन के मंदिर में बारह फीट का 
सम्पूर्ण शिव लिंग देखा जा सकता है.
मुंबई में प्लाज़ा टाकीज़ में साठ फीट का संपूर्ण लिंग दर्शन के लिए शोभायमान है. 
भाषाई ग्रामर के एतबार से लिंग तत्भव है. 
इसका तत्सम (???) 
अगर लिख दिया जाए तो गाली हो जाती है. 
किसी हिन्दू के सामने शिव +तत्सम कहकर देखिए, मज़ा चखा देगा. 
यह कितनी कमज़ोर मर्यादा है. कितना हास्य स्पद गोलमाल है, 
कि तत्भव उच्चारित हो तो मुक़द्दस और तत्सम बोलो तो गाली. 
ऐसे ही योनि का मामला है. इसका तत्सम भी बहुत ख़तरनाक है. 
हमारा सभ्य समाज जब किसी से क्रोधित होता है 
तो इस तत्सम को सामने वाले की माँ के साथ जोड़ देता है.
फ़िदा हुसैन ने शिव लिंग की रिआयत से किसी देवी की योनि को अपने कला में उकेर दिया, तब गरीब को देश निकाला मिला. 
जगह जगह देव शिव का नग्न लिंग पूजनीय ?
नर नारी में इतना बड़ा भेद भाव ?

कुछ चूतए मेरे लिए गाली निकालेगे.
मगर लंडन  वाले नहीं.
***

जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

1 comment:

  1. جنت کیا صرف سیکس کے بھوکوں ,اور شراب کے پیاسوں کے لیے ہوگی ؟ یا وہاں کوئی لائبریری وغیرہ بھی ہو گی ؟

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