Saturday 13 December 2014

Jhalkiyan END

मेरी तहरीर में - - -
क़ुरआन का अरबी से उर्दू तर्जुमा (ख़ालिस) मुसम्मी
''हकीमुल उम्मत हज़रत मौलाना अशरफ़ अली साहब थानवी''का है,
हदीसें सिर्फ ''बुख़ारी'' और ''मुस्लिम'' की नक्ल हैं,
और तबसरा ---- जीम. ''मोमिन'' का है।
नोट: क़ुरआन में (ब्रेकेट) में बयान किए गए अलफ़ाज़ बेईमान आलिमों के होते हैं,जो मफ़रूज़ा अल्लाह के उस्ताद और मददगार होते हैं और तफ़सीरें उनकी तिकड़म हैं और चूलें हैं.
***
हर्फ़े-ग़लत में झलकियों का सिलसिला रोका जा रह है। 

आगे हर सोमवार को आप क़ुरानी आयतों का तर्जुमा देखेंगे 

जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

1 comment:

  1. आप आपना काम जारी रखिये ....चाहे जितनी भी कोई कोशिक करे आप आपना ये काम बंद मत कीजिये क्योकि एक छोटा सा दिया बेहतर है अँधेरे है ...............मैं आपका ब्लॉग लगभग २ साल से पढ़ रही हू भले ही कभी कमेन्ट नहीं कि लेकिन हर पोस्ट पढ़ती हू .......बहुत अच्छी पोस्ट करते हो आप .......................

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