Tuesday 13 September 2016

Hindu Dharam Darshan 6

मेरी तहरीर में - - -
क़ुरआन का अरबी से उर्दू तर्जुमा (ख़ालिस) मुसम्मी
''हकीमुल उम्मत हज़रत मौलाना अशरफ़ अली साहब थानवी''का है,
हदीसें सिर्फ ''बुख़ारी'' और ''मुस्लिम'' की नक्ल हैं,
और तबसरा ---- जीम. ''मोमिन'' का है।
नोट: क़ुरआन में (ब्रेकेट) में बयान किए गए अलफ़ाज़ बेईमान आलिमों के होते हैं,जो मफ़रूज़ा अल्लाह के उस्ताद और मददगार होते हैं और तफ़सीरें उनकी तिकड़म हैं और चूलें हैं
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हिन्दू धर्म दर्शन 

महा भारत 

सेकुलर अकबर ने एक रोज़ अपने वजीर अबुल फज़ल से कहा महा भारत का तर्जुमा फारसी में किया जाए ताकि हिन्दुस्तान का मुकाम आलमी सतह पर कायम हो सके .
दो हफ्ते गुज़र गए , अकबर ने फिर अबुल फज़ल  को फ्रीर याद दिलाया और दरियाफ्त  किया, कहाँ तक पहुंचे? .
अबुल फज़ल  ने कहा महा भारत का अध्धयन चल रहा है हुज़ूर .
महीना गुज़रा तो फिर अकबर ने अबुल फज़ल  से पूछा , महा भारत की शुरुआत हुई ?
अबुल फज़ल  ने जवाब दिया अभी शुरुआत में ही अटका हवा हूँ हुज़ूर 
बादशाह ने पूंचा , आखिर माजरा क्या है ?
अबुल फज़ल ने कहा , दर अस्ल मुआमला यह है कि महा भारत के शुरुआती किरदार ही बस्बन और नसलन मशकूक और हरामी हैं 
अकबर :- वह कैसे ?
अबुल फज़ल :- हिन्दुओं में एक प्रथा नियोग की हुवा करती है .
अकबर :- वह  क्या हैं ? 
अबुल फज़ल  :- वह यह कि इनके नपुंसक महानभाव अपनी पत्नियों का गर्भाधान  किसी हिष्ट पुष्ट और योग्य पुरुष से कराते हैं , जैसे गायों के लिए सांड किराय पर लिए जाते हैं .
एक राजा ने वेड व्यास को किराय पर लेकर अपनी तीनों रानियों का गर्भा दान कराया , इनसे जन्मित तीनों रानियों के राज कुमार महा भारत के बुनयादी किरदार हैं . इसके प्रचार और प्रसार से हिदुस्तान की शोहरत कम बदनामी ज्यादा होगी .
अकबर सर पकड कर बैठ गया कि उसका तैमूरी खून गैरत में आ गया .
अबुल फज़ल  ने कह एक गुज़ारिश और है हुज़ूर .
जलाल उद्दीन अकबर सरापा सवालिया निशान बन कर अबुल फज़ल   को देखा और पूछा , वह क्या है ?
अबुल फज़ल बतलाया ,
 महा भारत के बुनयादी किरदार पांडु नाम के पांच भाई हैं जिन्हों ने मुश्तरका तौर पर एक औरत से ही शादी की है . 
द्रव पदि अपने शौहरों की देवर और जेठों की तनहा बीवी है .
इसे पढ़ कर फ़ारसी दानों को और उनके समाज को क्या पैगाम जाएगा ?
सुन कर अकबर चीखा , खामोश ! तखलिया !!
महा भारत को बी आर चौपडा ने बड़ी कामयाबी के साथ फिलमाया . 
इसके प्रसारण के वक़्त सड़कों पर कर्फ्यू का आलम होता .
यही हिम्मत आज कोई खान करके दिखलाए ?
फिल्म बैंड ही नहीं हो जाएगी ,
मुल्क में फसाद की नौबत आ जाएगी .
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जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

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