मेरी तहरीर में - - -
क़ुरआन का अरबी से उर्दू तर्जुमा (ख़ालिस) मुसम्मी
''हकीमुल उम्मत हज़रत मौलाना अशरफ़ अली साहब थानवी''का है,
हदीसें सिर्फ ''बुख़ारी'' और ''मुस्लिम'' की नक्ल हैं,
और तबसरा ---- जीम. ''मोमिन'' का है।
''हकीमुल उम्मत हज़रत मौलाना अशरफ़ अली साहब थानवी''का है,
हदीसें सिर्फ ''बुख़ारी'' और ''मुस्लिम'' की नक्ल हैं,
और तबसरा ---- जीम. ''मोमिन'' का है।
नोट: क़ुरआन में (ब्रेकेट) में बयान किए गए अलफ़ाज़ बेईमान आलिमों के होते हैं,जो मफ़रूज़ा अल्लाह के उस्ताद और मददगार होते हैं और तफ़सीरें उनकी तिकड़म हैं और चूलें हैं.
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गुंडे और कायर
गाँधी जी ने बड़ी हिम्मत की ,
यह कहकर कि मुसलमान बहुधा गुंडा होता है
और हिंदू बहुधा कायर होता है।
ग़ांधी जी ने पूरी हिम्मत नहीं की वर्ना कहते इस्लाम अपने आप में गुंडा गर्दी है और हिन्दू सिर्फ कायर ही नहीं बल्कि ख़सीस और बेईमान भी होता है। खुद गाँधी जी की अहिंसा भी कायरता की श्रृंखला में आती है।
मुसलमानों की जग जाहिर गुंडा गर्दी है isis है।
और हिंदुओं की जग जाहिर बेईमानी है मसअला कश्मीर।
अंतर राष्ट्रीय मंच "राष्ट्र-संघ " में देश के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने वादा किया था कि काश्मीर में राय शुमारी होगी , आया काशमीरी हिन्दुतान में रहना चाहते है या पाकिस्तान या फिर अपना आज़ाद मुल्क चाहते हैं।
काशमीर पर अपनी बात से मुकर जाना अंतर राष्ट्रीय स्तर की बेईमानी है।
कहते हैं काशमीर भारत का अभिन्न अंग है।
भारत का अंग तो कभी मलेश्या , इंडोनेशिया , थाई लैंड , बर्मा से लेकर अफगानिस्तान तक थे। सब भिन्न हो गए।
अभी कल की बात है भारत के अंग रहे पाकिस्तान और बांगला देश भिन्न हो गए। कल हिन्दुतान के दो चार अंग अलग होकर नए देश हो जायँ, तो कौन सी बुरी बात हो जाएगी ?
जैसे कि सोवियत यूनियन का हुवा है।
योरोप में आए दिन देश जुड़ते और टूटते रहते है।
कैनाडा में फ़्रांस बाहुल्य इलाक़ा कई बार अलग होने की बात करता है , हर बार चुनाव में मामूली अंतर से हार जाता है।
देश में कोई खून रेज़ी नहीं होती.
काशमीर में सेना से लेकर अवाम तक की लगभग लाख से अधिक जाने जा चुकी हैं।
यह देश प्रेम कहा जायगा या बेईमानी ?
देश प्रेम नहीं , धरती प्रेम की ज़रूरत है मानव जाति को ,
देश तो सियासत दानों की सीमा बंदी होता हैं
जिसमें रहकर हम सुऱक्षित रहते हैं ,
हम सुऱक्षित रहते हैं दाख़िली तौर पर और खारजी तौर पर जिसके लिए हम जान भी दे सकते हैं।
देश को प्रेम नहीं टैक्स चाहिए ,
टैक्स चोरी देश द्रोह है न कि दिल की आवाज।
देखिए कब तक यह गुंडे और बेईमान सियासत दान कब तक इंसानी खून से अपनी प्यास बुझाते रहते हैं।
जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान
अगर कश्मीर भारत का नही है तो पकिस्तान का भी नही है , आपनॆ पकिस्तान का उल्लेख क्यो नही किया
ReplyDeleteBarma se lekar afghanistan tak bharat hai - pakistan , bangladesg aur kashmir bharat ke atoot ang hain .is sachchai ko jhuthlaya nahi ja sakta
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