Tuesday 24 October 2017

Quraan ke jhoot aur taureti sadaqa 20

मेरी तहरीर में - - -
क़ुरआन का अरबी से उर्दू तर्जुमा (ख़ालिस) मुसम्मी
''हकीमुल उम्मत हज़रत मौलाना अशरफ़ अली साहब थानवी''का है,
हदीसें सिर्फ ''बुख़ारी'' और ''मुस्लिम'' की नक्ल हैं,
और तबसरा ---- जीम. ''मोमिन'' का है।
नोट: क़ुरआन में (ब्रेकेट) में बयान किए गए अलफ़ाज़ बेईमान आलिमों के होते हैं,जो मफ़रूज़ा अल्लाह के उस्ताद और मददगार होते हैं और तफ़सीरें उनकी तिकड़म हैं और चूलें हैं.
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क़ुरआन में कई अच्छी और कई बुरी हस्तियों का नाम बार बार आता है , जिसमे उनका ज़िक्र बहुत मुख़्तसर होता है। पाठक की जिज्ञासा उनके बारे में बनी रहती है कि वह उनकी तफ्सील जानें।  मुहम्मद ने इन हुक्मरानों का नाम भर सुना था और उनको पैग़म्बर या शैतान का दरजा देकर आगे बढ़ जाते हैं , उनका नाम लेकर उसके साथ मन गढ़ंत लगा कर क़ुरआन पढ़ने वालों को गुमराह करते हैं। दर अस्ल यह तमाम हस्तियां यहूद हैं जिनका  विवरण तौरेत में आया है, मैं उनकी हक़ीक़त बतलाता हूँ , इससे मुहम्मदी अल्लाह की जिहालत का इन्किशाफ़ होता है। 

क़ुरआन के झूट - - - और तौरेती सदाक़त  

ज़खरया (ज़करिया, ज़कारिया)

यहूदी हुक्मराँ राजा हीरोद के दौर में ज़खरया नाम का पुजारी हुवा करता था। इसकी बीवी अल्ज़ीबियत थी जोकि मूसा के भाई हारुन की वंशज थी। वह बाँझ थी और बूढी भी हो चुकी थी। एक दिन पूजा के दरमियान फ़रिश्ते गाबरील ने ज़खरया को खबर दी कि अल्ज़ीबियत एक बच्चे की माँ बनेगी और तुम साहिबे औलाद होगे। ज़खरया ने हैरत से पूछा मैं बूढा हूँ और मेरी बीवी बाँझ ? यह कैसे मुमकिन होगा ? गाब्रील ने कहा खुदा के लिए हर काम मुमकिन है। उस फ़रिश्ते ने साथ साथ यह भी कहा तुम उस वक़्त तक  गूंगे होगे जब तक बच्चा न हो जाए , बच्चे का नाम योहन रखना। वह असीयस की तरह यहूदियों को खुदा की तरफ फेरेगा। 
अलजबीयत ने पांच महीने तक इस बात को छुपा रख्खा था कि व हामला है। छटवें महीने वह गाबरील के बतलाए हुए मुक़ाम गलेलिया की नाज़रत नगरी तक पहुँची जहाँ मरियम से मिलने की हिदायत थी। उसने मरियम के घर दाखिल होकर उसको सलाम किया। उस वक़्त अलजबीयत के पेट का बच्चा ख़ुशी से उछल पड़ा , जैसे कि पाक रूह इसमें समां गई हो। 
अलजबीयत ने मरियम से कहा शुक्र है आप जैसी खातून से मुझे मिलने का मौक़ा मिला जिसके पेट में खुदा का बीटा पल रहा है। 
अलजबीयत के यहाँ बच्चा हुवा जिसका नाम योहन रख्खा गया। हर तरफ खुशियां मनाई गईं , आठवें रोज़ बच्चे का खतना हुवा , साथ में ज़खरिया की चुप भी ख़त्म हुई , तब उसने खुदा की हम्द व् सना की। 

योहन बस्ती से दूर सेहरा में पला बढ़ा , उसके बाद इस्राइलियों में अपने नबूवत का एलान किया।  वह सख्त मिज़ाज़ था. जो लोग उससे बपतिस्मा लेने आते उनसे कहता------
"ऐ सांप के बच्चो ! किसने तुम्हें आने वाले अज़ाब से आगाह किया 
और भागने का रास्ता बतलाया ?
अपने पछतावे के मुताबिक़ फल पैदा करो , 
दिल में यह कभी न रहे कि तुम अब्राहम की औलाद हो 
मैं तुम से सच कहता हूँ कि खुदा इन पत्थरों से भी अब्राहम की औलाद पैदा कर सकता है "
योहन ने राजा हीरोड की छोटी भावज के बारे में किरदार कुशी पर ज़बान खोली तो इसको गिरफ्तार कर लिया गया। किसी तक़रीब में भतीजी ने बड़े बाप राजा हीरोद के सामने ऐसा रक़्स किया कि राजा खुश हुवा और कुछ भी मांग लेने को कहा। 
उसने फ़ौरन योहन का सर थाली में रख कर अपनी माँ को पेश करने की फरमाइश की। 
ऐसा न चाहते हुए भी राजा ने अपनी ज़बान को निंभाते हुए योहन का सर भावज को दिया। 
(यह खबर सुनकर ईसा खौफ के मारे बस्ती छोड़ कर वीराने को भागे)

** ज़करया  2nd


५२० ईसा पूर्व यहूदयों में नबी का दर्जा पाने वाले ज़करया इब्न बैरेकिया को खुदा अपने दर्शन देते हुए कुछ मंज़र पेश करता था। इनके कई इल्हामी दीदार क़लम बंद हैं। ज़करया कहते हैं , मैं ने आँखें उठाईं तो मुझे इल्हामी दीदार हुवा। मैंने चार सींगें देखीं तो मैंने उस फ़रिश्ते से जिससे मैं बात कर रहा था पूछा ,
यह क्या है ? उसने कहा यही वह सींगें हैं जिसने बोड़ा और योरोसलाम को बिखेर दिया। फिर खुदा ने मुझे चार लोहार दिखलाए , मैंने पूछा यह किस काम के लिए आए हैं ? कहा यह इस लिए आए हैं कि लोगों को खौफ ज़दा  करें और उन देशों के सींग काट डालें जिन्हों ने बिखेर देने के लिए बोड़ा के खिलाफ अपनी सींग उठाइं। और - - - 
(शायद ज़करया की इल्हामी बातें मुहम्मद के क़ुरानी आयतों की तरह बे सर पैर की हैं)

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जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

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