Wednesday 1 November 2017

Hindu Dharm Darshan 108



गीता और क़ुरआन

भगवान् कृष्ण कहते हैं - - -
>तीन गुणों (सतो रजो तमो) के द्वारा मोह ग्रस्त यह सारा संसार 
मुझ गुणातीत तथा अविनाशी को नहीं जानता.
**प्रकृति के तीन गुणों वाली इस मेरी दैविक शक्ति को पार कर पाना कठिन है.
किन्तु जो मेरे शरण गत हो जाते हैं, वह सरलता से इसे पार कर जाते हैं.
श्रीमद् भगवद् गीता अध्याय  -7  - श्लोक -13+14  
>हे महाराज आप बार बार कह चुके हैं कि आप सर्व शक्ति मान और गुण वान होते हैं, फिर यह क्या कि मोह ग्रस्त संसार को ख़ुफ़िया तंत्र से अवगत न करा सके. अगर आप इतना कर लिए होते तो संसार में कोई आपस ना आशना न होता.
**कठिन शब्द आपको शोभा नहीं देता. 
बार बार आप कहते हैं कि आपके लिए कुछ कठिन नहीं, 
विरोधयों के दिलों में प्रेम की तरह घुस जाते.

र क़ुरआन कहता है - - - 
>" अल्लाह ताला जब किसी काम को करना चाहता है 
तो इस काम के निस्बत इतना कह देता है कि 
कुन यानी हो जा 
और वह फाया कून याने हो जाता है " 
(सूरह अल्बक्र २ पहला पारा आयत 117) 
अल्लाह तअला बस इतना ही नहीं कर पता कि सारे संसार को मुसलमान बना दे. बेचारे सैकड़ों साल से लड़ कट रहे है.

जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

No comments:

Post a Comment