Thursday 13 August 2020

सेक्स-sex

सेक्स-sex

 

मुहम्मद अपनी टोली में बैठे थे कि एक औरत आई और मुहम्मद से कहा,
आप मुझे अपने निकाह में ले लीजिए, पेट भरने का तो ठिकाना मिले.
मुहम्मद उसे देख कर मुस्कुराए. 
सोचा होगा कि 9 अदद वैसे भी हैं, 
अब इस झमेले में पडना मुनासिब नहीं. 
उन्हों ने मुस्कुराते हुए इंकार में सर हिला दिया.
उनके टोली में एक फटीचर भी बैठा हुवा था,  
 मुहम्मद के इनकार करने के फ़ौरन बाद बोला,
या रसूल अल्लाह ! 
इस औरत को मेरे निकाह में दे दीजिए ,
मुहम्मद ने कहा, तू अपने घर जा और देख कर आ कि
 तेरे पास क्या क्या असासे हैं.
वह हुक्म को मानते हुए घर गया और वापस आकर बतलाया कि, 
उसके पास कोई भी असासा नहीं है, बस तन से लिपटी हुई इस लुंगी के सिवा.
मुहम्मद ने पूछा क़ुरान की कोई आयत याद है ? 
उसने क़ुरान की एक आयत सुना दिया.
मुहम्मद ने दोनों का निकाह पढ़ा कर रुख़सत कर दिया.
(हदीस बुखारी)
मुहम्मद का फ़ैसला दोनों के हक़ में ग़नीमत था. 
उन दोनों के पास कुछ भी न था 
क़ुदरत की बख़्शी  हुई दौलत सिर्फ़ SEX था, 
जिसके तुफ़ैल में दोनों एक दूसरे के मुस्तहक़ भी थे और तलबगार भी. 
अगले दिन उनके अन्दर समाया हवा हिस बेदार हुवा होगा 
और उन्हें आपस में एक दूसरे के पेट के लिए ग़ैरत जगी होगी. 
वह ज़रूर हरकत में आ गए होंगे. 
उनके यहाँ बाल बच्चे भी हुए होंगे, 
ख़ुश हाली भी आ गई होगी.
SEX की बड़ी बरकत होती है, 
आप देखते हैं कि परिंदे SEX के बाद कितने ज़िम्मेदार हो जाते हैं, 
घोसला बनाने लगते हैं, 
अपने बच्चों के लिए चारा ढो ढो कर लाना शुरू कर देते हैं.

मुझे हैरत होती है कि हिन्दू समाज SEX को इतना बुरा क्यों मानता है. 
SEX को दबाने की कोशिश क्यों करता है ? 
SEX की लज्ज़त से इतना ना आशना क्यों होता है ? 
पेट भरने के बाद SEX इंसान की दूसरी ज़रुरत है.
***

जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

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