Saturday 11 February 2017

Hindu Dharm Darsha 41



हिन्दू ब्राह्मण 
Pawan Prajapati   

ब्राह्मणवादी RSS पहले RSSAथा अर्थात Royal Supremo secret Agent जो अंग्रजों ने बनाया था. RSSA से A हटाकर ब्राह्मण गोलवलकर ने ब्राह्मणवादी संस्था RSS बना दिया ।और पिछड़े दलितों तथा मुसलमानों के बीच दरार पैदा कर शासन करना चाह्ता है और मनुस्मृति लागू करना चाहता है ॥ 
स्वयं को हिन्दू होने पर गर्व करने वाले पढ़े लिखे कुरमी ,कुशवाहा ,गुज्जर लोधी ,अहिर ,जाट माली ,तेली आदि बहुजन मूलनिवासी जो एक ही कुल एक ही बंश के हैं थोड़ा गौर करे....
और सोचे
जाति बनाने वाले वाले हिन्दू ब्राह्मण है। जातिगत भेदभाव निर्माण करने वाले हिन्दू ब्राह्मण है।
ब?
बहुजनो के खिलाफ षड़यंत्र रच उनके खिलाफ विधान लिखने वाला मनु ब्राह्मण हिन्दू था।
संत रविदास के हत्यारे हिन्दू ब्राह्मण थे।
संत कबीर का मजाक बनाने वाले हिन्दू ब्राह्मण ही थे।
(nishad mata se utpann Gautam Buddh) koliyon
के बुद्ध धम्म को ख़त्म करने वाल ब्राह्मण हिन्दू थे।
बौद्ध राजा बृहद्रथ मौर्या की हत्या करने वाला पुष्यमित्र शुंग ब्राह्मण हिन्दू था।
एक बौद्ध भिक्षु के सर के बदले 100 स्वर्ण मुद्राए देने वाला पातंजलि और उसका चेला पुष्यमित्र शुंग ब्राह्मण हिन्दू थे।
बहुजनो के गले में हांड़ी और पीछे झाड़ू लटकाने वाले ब्राह्मण हिन्दू थे।
बहुजनो को अछूत कह दुत्कारने वाल ब्राह्मण हिन्दू थे।
शुद्र और नारी को सिर्फ ताड़ने का अधिकारी बताने वाला तुलसीदास ब्राह्मण हिन्दू था।
शुद्र ऋषि शम्बूक(nishad) की ब्राह्मण के कहने पर हत्या करने वाला श्रंखला राम हिन्दू था।
महान धनुर्धर भील(nishad) बालक एकलव्य का अंगूठा मांगने वाला द्रोणाचार्य ब्राह्मण हिन्दू था।
शिवाजी महाराज का राजतिलक पाँव के अंगूठे से करने वाला ब्राह्मण हिन्दू था।
शाहू जी महाराज को शुद्र कह अपमानित करने वाला ब्राह्मण हिन्दू था।
देश की गुलामी के समय शुद्रो को हथियार ना उठाने का ज्ञान देने वाले ब्राह्मण हिन्दू थे।
शुद्रो द्वारा ज्ञान प्राप्ति को और धन संचय को गलत ठहराने वाले सब उच्च जातीय ब्राह्मण हिन्दू थे।
राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले को अपमानित करने वाले सब ब्राह्मण हिन्दू थे।
कुरमी ,कुशवाहा ,गुज्जर ,अहिर जाट ,लोधी ,चमार ,माझी आदि बहुजनो को शिक्षित करने वाली शिक्षा की देवी माता सावित्रीबाई फुले पर गोबर फेंकने वाले सब उच्च जातीय ब्राह्मण हिन्दू थे।
नारी शिक्षा के विरोधी हिन्दू ब्राह्मण थे।
1857 की क्रांति के जनक मातादीन भंगी को बन्दूक की बट से मारने वाला नशेड़ी मंगल पाण्डे ब्राह्मण हिन्दू ही था।
अछूतो के हाथ का खाना ना खाने की सलाह देने वाला मूलशंकर ब्राह्मण उर्फ़ दयानंद सरस्वती हिन्दू ही था।
बाबा साहब द्वारा बहुजन हितों के लिए लड़ी जा रही लड़ाई में हर कदम पर रोड़ा अटकाने वाले सब ब्राह्मण हिन्दू थे।
अछूतो के मताधिकार का विरोध करने वाले सब उच्च जातीय ब्राह्मण हिन्दू थे।
तेली, तमोली और कुरमी ,गुज्जर कुनभट लोगो के राजनितिक अधिकारो का मजाक उड़ाने वाला तिलक ब्राह्मण हिन्दू था।
अछूतो को हरिजन और गिरिजन कहकर गाली देने वाला बनिया मोहनदास गांधी हिन्दू था।
गोलमेज सम्मलेन में अछूतो के अधिकारो का विरोध करने वाला गांधी बनिया हिन्दू था।
कम्युनल अवार्ड के विरोध में मरण व्रत करने वाला गांधी हिन्दू था।
बाबा साहब पर हमले करने वाले सब ब्राह्मण हिन्दू थे।
महाड़ तालाब सत्याग्रह के दौरान बाबा साहब को जान से मारने की कोशिस करने वाले सब उच्च जातीय ब्राह्मण हिन्दू ही थे।
कालाराम मंदिर सत्याग्रह के दौरान बाबा साहब पर पत्थर बरसाने वाले सब पंडित पुजारी हिन्दू ही थे।
बड़ोदा में बाबा साहब को पानी ना पिने देने वाले सब ब्राह्मण हिन्दू थे।
संविधान सभा में बाबा साहब के आने का विरोध करने वाले सब उच्च जातीय ब्राह्मण हिन्दू थे।
साहब कांशीराम का विरोध करने वाले सब ब्राह्मण हिन्दू थे।
दुलिना गाव में बहुजन समाज के 9 लोग जिनमे एक 10 साल का बच्चा भी शामिल था को जिन्दा जलाने वाले सब आर्य समाजी हिन्दू ही थे।
BBC की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सबसे ज्यादा गुलाम है। इसके लिए जिम्मेदार सब उच्च जातीय ब्राह्मण हिन्दू ही है।
UNO की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर 18वे मिनट एक का उत्पीड़न होता है। ये सब उत्पीड़न उच्च जातीय हिन्दू ही करते है।
shudra(dalit)का मंदिर में घुसने का विरोध करने वाला शंकराचार्य ब्राह्मण हिन्दू है।
गांधी नेहरू को हीरो बनाने वाले सब हिन्दू ही है।
बहुजनो के प्रतिनिधित्व और आरक्षण के विरोधी सब उच्च जातीय ब्राह्मण हिन्दू ही है। सरदार पटेल को प्रधानमंत्री पद न देने वाले ब्राह्मण बनिया हिन्दू ही है ।
..फिर ब्राह्मण बनिया की पार्टी बीजेपी को वोट क्यों ? 
एक बनो।। 
ब्राह्मणवाद को लात मारो। 
और लात मारो ऐसे धर्म को जो तुम्हे इंसान ना समझता हो। 
गुलामी को तोड़ो। गुलामी की जड़ को नष्ट करो!


जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

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