Saturday 25 February 2017

Hindu Dharm Darshan 44


वेद दर्शन - - -           
खेद  है  कि  यह  वेद  है  . . . 

दभीति को उनके नगर से बाहर ले जाने वाले असुरों को इंद्र ने मार्ग में रोका .
एवं उनके प्रकाश मान आयुधों को आग में जला दिया. 
इसके पश्चात इंद्र ने उन्हें बहुत सी गायें घोड़े और रथ प्रदान किए. 
इंद्र ने यह सब सोमरस के नशे में किया.

सूक्त 15-4

ऐसी हरकतें कोई नशे के आलम में ही कर सकता है 
कि दुश्मन के प्रकाशमान आयुधों को जला दे 
फिर उसको गाएँ घोड़े और रथ दे.
इंद्र की इस हरकत को किसी ने नहीं देखा 
अलबत्ता श्लोक रचैता पंडित ने ज़रूर इसे भंग के नशे में लिखा होगा .

(ऋग्वेद / डा. गंगा सहाय शर्मा / संस्तृत साहित्य प्रकाशन नई दिल्ली )


जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

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