Monday 11 May 2020

खेद है कि यह वेद है (60)

खेद  है  कि  यह  वेद  है  (60

यज्ञ के नेता ऋत्विज, दूर से दिखाई देने वाले, गृहपति एवं गति शाली अग्नि को हाथों की गति एवं उँगलियों की सहायता से अरणि से उत्पन्न करते हैं,

सातवाँ मंडल 
सूक्त 1
(ऋग्वेद / डा. गंगा सहाय शर्मा / संस्तृत साहित्य प्रकाशन नई दिल्ली )
नेता ऋत्विज कौन हैं और गृहपति कौन हैं ? 
कहीं यह अग्नि देव को मिली उपाधियाँ तो नहीं ?? 
जो भी हों इस युग में इनकी कोई उपयोगता नहीं. 
 हाथों की गति एवं उँगलियों की सहायता से अरणि (मथना) क्या उत्पन्न करते है?
अधूरी बात कहके पंडित जी महिमा मंडित होते है. 
इसी लिए वेदों का मंत्रोच्चार होता है , समझने की ज़हमत न करें.
ठीक ऐसा ही क़ुरान है जो तिलावत (पाठ) के लिए होता है ,
इसे समझने की इजाज़त मुल्ला कभी नहीं देता .

जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

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