Monday 27 January 2020

खेद है कि यह वेद है (10)

खेद  है  कि  यह  वेद  है  (10)

हे इंद्र ! तुमने शुष्ण असुर के साथ भयानक संग्राम में कुत्स ऋषि की रक्षा की थी 
तथा अतिथियों का स्वागत करने वाले दियोदास को बचाने के लिए, 
शंबर असुर का बद्ध किया था. 
तुमने अर्बुद नामक महान असुर को पैरों से कुचल डाला था. 
इस तरह से तुम्हारा जन्म दस्यु नाश के लिए हुवा मालूम पड़ता है.   
  (ऋग वेद प्रथम मंडल सूक्त 51)........(6)

इंद्र को वेद असुरों का बाप राक्षस साबित कर रहा है.
वेद मुर्खता पूर्ण कल्पनाओं से कुसज्जित है.
***


जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

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