Thursday 9 January 2020

शपथ गीता की, जो कहूँगा सच कहूँगा. (6)

शपथ गीता की, जो कहूँगा सच कहूँगा. (6)

मर्यादित वीर अर्जुन कहते हैं , 
>जो लोग उत्तम परंपरा को विनष्ट करते हैं और इस तरह आवांछित को जन्म देते हैं, 
उनके दुष्कर्मों से समस्त प्रकार की सामुदायिक योजनाएं तथा पारिवारिक कल्याण-कार्य विनष्ट हो जाते है. 
>>हे प्रजापति कृष्ण ! 
मैंने गुरु परंपरा से सुना है कि जो लोग कुल धर्म का विनाश करते हैं, 
वे सदैव नरक में वास करते है.
श्रीमद् भगवद् गीता अध्याय  1- श्लोक - 42 -43
भगवान् कृष्ण कहते हैं - - -
>जिन जिन महान योद्धाओं ने तुम्हारे नाम तथा तुम्हारे यश को सम्मान दिया है 
वह सोचेंगे कि तुमने डर के मारे युद्ध भूमि छोड़ दी है 
और इस तरह वे तुम्हें तुच्छ मानेगे.
>>यहाँ मैंने वैश्लेषिक अध्धयन द्वरा इस ज्ञान का वर्णन किया है.
अब निष्काम भाव से कर्म करना बतला रहा हूँ , उसे सुनो. 
>>हे पृथापुत्र ! 
तुम यदि ऐसे ज्ञान से काम करोगे तो तुम कर्मों के बंधन से अपने को मुक्त कर सकते हो.
श्रीमद् भगवद् गीता अध्याय  अध्याय -2 - श्लोक -35 -39 
मर्यादित वीर अर्जुन कृष्ण से मर्यादित सवाल करते हैं,
कृष्ण उनको अमर्यादित सुझाव का जवाब देते हैं  ?
*
और क़ुरआन कहता है - - -
"पस की आप अल्लाह की राह में क़त्ताल कीजिए. आप को बजुज़ आप के ज़ाती फ़ेल के कोई हुक्म नहीं और मुसलमानों को प्रेरणा दीजिए . अल्लाह से उम्मीद है कि काफ़िरों के ज़ोर जंग को रोक देंगे और अल्लाह ताला ज़ोर जंग में ज़्यादा शदीद हैं और सख़्त सज़ा देते हैं।" 
सूरह निसाँअ 4 पाँचवाँ पारा- आयात (84) 
* ज़ेहन से काम लो दोसतो आस्थाएं तुम्हें अँधा किए हुए है. 
दोनों धर्मों में बहुत कम अंतर है, 
हम हिन्दू मुस्लिम में कितना अंतर हुवा जा रहा है.
दोनों धर्म मानवता के दुश्मन हैं.
***



जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

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