Saturday 7 November 2020

अल्लाह हु असग़र


अल्लाह हु असग़र
               
नमाज़ की शुरूआत अल्लाह हुअकबर से होती बह भी मुँह से बोलिए 
ताकि वह सुन सके? 
अल्लाह हुअकबर का लफ़्ज़ी मअनी है अल्लाह सबसे बड़ा है. 
तो सवाल उठता है कि अल्लाह हु असग़र कौन हैं? 
यानी छोटा अल्लाह ?
भगवान राम या कृष्ण कन्हैया, भगवन महावीर या महात्मा गौतम बुध? 
ईसाइयों का गाड, यहूदियों का यहवः या ईरानी ज़र्थुर्ष्ट ? 
कोई अकेली लकीर को बड़ा या छोटा दर्जा नहीं दिया जा सकता 
जब तक की उसके साथ उससे फ़र्क़ वाली लकीर न खींची जाए. 
इसलिए इन नामों की हैसियत की निशान दही की गई है.
मुसलमानों को शायद ईसाई का गाड, यहूदियों का यह्वः और 
सवाल उठता है कि वह एक ही लकीर खींच कर अपनी डफ़ली बजाते है 
कि यही सबसे बड़ी लकीर है, अल्लाह हुअकबर . 
एक और बात जोकि मुसलमान शुऊरी तौर पर तस्लीम करता है कि 
शैतान मरदूद को उसके अल्लाह ने पावर दे रक्खा है कि 
वह दुन्या पर महदूद तौर पर ख़ुदाई कर सकता है. 
अल्लाह की तरह ही शैतान भी हर जगह मौजूद है, 
वह भी अल्लाह के बन्दों के दिलों पर हुकूमत कर सकता है, 
भले ही ग़ुमराह कंरने का. 
इस तरह शैतान को अल्लाह होअस्गर कहा जाए 
तो बात मुनासिब होगी मगर 
मुसलमान इस पर तीन बार लाहौल भेजेंगे. 
इस पहले सबक में मुसलामानों की ग़ुमराही बयान कर रहा हूँ, 
दूसरे दरजनों पहलू हैं जिन पर मुसलमान ला जवाब होगा.
***  
जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

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