Sunday 26 May 2019

ब्रह्मा विष्णु महेश

ब्रह्मा विष्णु महेश 

प्रिय हिन्दू पाठको !
पहली बार मैं ने ब्रह्मा विष्णु महेश  के शीर्षक से हिन्दू धर्म पर क़लम उठाई है, सोचा था तूफ़ान खड़ा होगा, मगर नहीं, 
इसके बर अक्स मुस्लिम पाठको ने तो आसमान सर पर उठा लिया था , 
उनके बनिसबत 1% ही रद्दे अमल हुवा . 
अब मुसलमान भी अपना बुरा भला समझने लगे हैं , 
जो बद ज़ुबानी किया करते थे वह अच्छे दोस्त बन चुके हैं .
शुक्रया दोसतो ! 
तुम बदलना जानते हो, हमेशा से तुम में यह सलाहियत रही है . 
हिन्दू समाज एक हाथ घूँघट को त्याग कर आज उनकी बहन बेटियां मर्दों के शाने  बशाने खड़ी हैं , 
मुस्लिम बच्चियां अब भी बुरक़े की शिकार हैं .
एक पाठक ने अपने समाज का अपमान करते हुए मुझे माँ की गाली दी है, 
वह शायद अभी बालिग़ नहीं हुवा होगा , 
यह भी नहीं जानता कि बूढ़े को माँ की गाली नहीं दी जाती. 
मेरी माँ को मरे हुए 65 वर्ष ग़ुज़र गए, 
इस गाली को मैं क्या करूँ, इस लिए मै उसको वापस करता हूँ , 
हो सकता है उसकी माँ जवान हो, 
उसके काम आए , 
उसे ही मुबारक .
ब्रह्मा विष्णु महेश       
(पहली क़िस्त) 
कहा जा सकता है कि बाबा इब्राहीम दुन्या के  पहले  आम इन्सान हैं जिनके हालात और जीवनी हमें मयस्सर हैं. राजाओं और बादशाहों की जानकारी तो इतिहास का विषय है ही मगर आम आदमी के हालात कम ही ख़ातिर में लाए जाते हैं.
इब्राहीम एक ग़रीब पथर कटे आज़र (तेराह) का बेटा था जिसे बाप कहा करता , 
बेटे हिजरत (पलायन) कर बाहर दुन्या दूध और शहद से भरी हुई है - - - 
उसने हिजरत की, उसे दूध और शहद  के दर्शन तो न  हुए, 
हाँ काँटों भरा परिवेश ज़रूर मिला और उस पर चल कर इब्राहीम मानव इतिहास का मूल पुरुष बन गया.
इब्राहीम की शोहरत उसे अरब दुन्या से निकाल कर ईरान लाई 
जिसे आर्यन सर पर लादे हुए हिन्दुतान ले आए. 
यहाँ के मूल निवास्यों के  धार्मिक रुझान का जायज़ा लेते हुए 
इब्राहीम को ब्रह्मा नाम देकर आर्यन ने नए नए ग्रंथों की संरचना की. 
इब्राहीम का पहला नाम जोकि उसके पिता ने रख्का था अब्राम था, 
मिस्र पहुँच कर वह अब्राहम हो गया, 
मक्का पहुँचा तो इब्राहीम हुवा, 
ईरान पंहुचा तो बराहम हुवा. 
आर्यन द्वारा लाया गया भारत में इब्राहीम, ब्रहम होते हुए ब्रह्मा बन गया, 
उसकी बुलंदी ब्रह्मांड और उसकी औलादें तथा कथित मुक़द्दस बरहमन हुईं जो कि ब्रह्मा के मुंह से निर्मित हुईं.
इब्राहीम ब्रह्मा बन कर अलौकिक बन गया. 
उसके शरीर अंगों से बह्मांड का निर्माण हुवा. 
इस निर्माण का विस्तार विष्णु महाराज को सौंपा गया,

***

जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

No comments:

Post a Comment