Sunday 9 December 2018

Hindu Dharm Darshan 252


शपथ गीता की, जो कहूँगा सच कहूँगा. (56)

भगवान् श्री कृष्ण कहते हैं - - -
>हे भरत पुत्र ! 
ब्रह्म नामक समग्र भौतिक वस्तु जन्म का स्रोत है.
और मैं इसी ब्रह्म को गर्भस्त करता हूँ, 
जिसमें समस्त जीवों का जन्म संभव होता है.
>>हे कुंती पुत्र ! 
तुम यह समझ लो कि समस्त प्रकार के जीव-योनियाँ 
इस भौतिक प्रकृति में जन्म द्वारा संभव हैं 
और मैं उसका बीज-प्रदाता हूँ. 
>>>भौतिक प्रकृति तीन गुणों से युक्त है. 
सतो, रजो, तथा तमो गुण. 
हे महाबाहू अर्जुन ! 
जब शाश्वत जीव प्रकृति के संसर्ग में आता है, 
तो वह इन गुणों से बंध जाता है.
श्रीमद् भगवद् गीता अध्याय -14   श्लोक -3+4 +5   

*एक बार मैंने ज़बान ए आम में इसी गीता शब्दों को कहा कि 
ब्रह्माण्ड =ब्रह्मा का अंडा, 
तो पाठकों ने ठहाका लगाया था और मेरे इल्म को छदम बतलाया था. 
विडंबना यही है कि जनता धर्म ग्रंथों को हाथ भी नहीं लगाती 
और अपने धर्म की कमियों को खुद नहीं जानती. 
वह ग्रंथों के साथ एक पल भी रहना दिमागी मशक्क़त समझती है 
और पंडो की बातों पर घंटों झूमती रहती है. 
अब लो यह भगवान् इसी ब्रह्मा के अंडे को गर्भाधान करते है. 
जब स्वयं भगवान् सम्भोग में लिप्त पाए जाते हैं, यह उनकी ही स्वीकृति है, 
तो मानव जाति को क्यों इस कृति से दूर रखना चाहते हैं. 
बेशक प्रकृति ही इन बीजों का श्रोत है वरना तमाम योनियाँ इसे पाने के लिए इतनी बेचैन क्यों हुवा करती हैं ? 
खुद प्रकृति अपने बीज रोपण में क्यों संलग्न रहती है ? 
यही दोनों अलग अलग मानव अंग हैं जो मिलने के लिए हर समय उत्साहित रहते हैं. क्योकि इसी मिलन के रहस्य में जीवों का स्तित्व सुरक्षित है.
धर्म ग्रन्थ हमेशा विरोधाभाषी उपदेशों से परिपूर्ण हुवा करते हैं. 
पिछले अध्याय में भगवान ब्रह्मचर्य का पाठ पढाते हैं और यहाँ प्रक्रति का गुण ठहराते  हैं. 
सतो, रजो, तथा तमो गुणों का कहीं पर वर्गी करण करके अच्छा और बुरा करार देते है तो कहीं इसे संयुक्त कर के जीव स्वभाव बतलाते हैं. 
और क़ुरआन कहता है - - - 
>"बड़ी आली शान ज़ात है जिसने ये फैसले की किताब अपने बंद-ए-खास पर नाज़िल फरमाई ताकि तमाम दुन्या जहाँ को डराने वाला हो"
सूरह फुरकान-२५-१८वाँ पारा आयत (१)

गौर तलब है अल्लाह खुद अपने मुँह से अपने आप को आली शान कह रहा है. जिसकी शान को बन्दे शबो-रोज़ अपनी आँखों से खुद देखते हों, उसको ज़रुरत पड़ गई बतलाने और जतलाने की? कि मैं आलिशान हूँ. मुहम्मद को बतलाना है कि वह बन्दा-ए-खास हैं. जिनको उनके अल्लाह ने काम पर लगा रक्खा है कि बन्दों को झूटी दोज़ख से डराया करो कि यही चाल है कि तुझको लोग पैगम्बर मानें. 
***


जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

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