Sunday 25 August 2019

खाप की महिमा, अनोखा कलचर


 खाप की महिमा,  अनोखा कलचर 

हरियाणा भारत का ख़ासम ख़ास सूबा है. 
पूरे भारत में हरियाणा के देव गण फैले हुए है. 
हरियाणा भारत की नाक है, महा भारत जो हरियाणा का इतिहास है. 
आजकल हरियाणा की नाक कुछ ज़्यादः कि नुकीली हो गई है, 
त्रिशूल जैसी. 
खाब इनकी शान है जिसके अंतर गत बस्ती की लड़की, बस्ती की बहन हुई, गोत्र इनका सब से मज़बूत खूंटा है. 
गोत्र के मुताबिक़ आठ पीढ़िया तक हरियाणवी आपस में भाई बहन होते है, कौन याद रख सकता है आठ पीढ़ी ? 
गोया अब तो पाषाण युग तक इस रिश्ते का फैलाव हो गया है.
दूसरी तरफ़ इनका अनबुझा कलचर है कि 
दूसरे जन समूह के लिए इनकी कोई मान्यता है ? 
अपने निरंकुश नियम के चलते बेटियों की पैदावार हरियाणा में 8:10 के 
अंतर तक चला गया है. 
लड़कों के लिए बीवियों का अकाल पड़ गया है. 
लड़कियां बिहार बंगाल और छत्तीस गढ़ जैसे ग़रीब इलाक़े से ख़रीद कर लाते है, 
उन्हें बंधक बनाते हैं और घर के सारे मर्द उससे 'फ़ारिग़' होते हैं. 
चाचा फ़ारिग़ होकर चला जाता है, 
बेटा फ़ारिग़ हो रहा होता है 
और बाप फ़ारिग़ होने का इंतज़ार कर रहा होता है.
इनमें यह भी होता है कि दो भाई एक स्त्री के साथ विवाह कर लेते हैं 
और उससे दोनों फ़ारिग़ होते हैं. 
कहते हैं कि इससे जायदाद बटवारे से बच जाती है. 
जो भी हो इन चौधरियों का मेंटल लेवल नापा जा सकता है. 
अतीत में भी यह अजीब व ग़रीब लोग थे, 
द्रोपदियों से यह माला माल थे. 
सवाल आज संयुक्त भारत में यह उठता है कि 
यह महानुभाव अपने गोत्र का इतना सम्मान करते हैं, 
तो दूसरों का अपमान इन्हें कैसे गवारा ? 
बिहार बंगाल और छत्तीस गढ़ जैसे भू खंड के लिए 
इनका स्तर कहाँ जाकर क़ायम होता है ?? 
***
जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

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