Monday 26 August 2019

बुज़दिलान-ए इस्लाम,


बुज़दिलान-ए इस्लाम,     

इस्लाम की सड़ी गली लाश को नोच नोच कर खाने वाले यह गिद्ध 
सच्चाई से इस क़द्र हरासां हैं कि बौखलाहट में सरकार से सिफ़ारिश कर रहे हैं 
कि तसलीमा नसरीन को मुल्क बदर किया जाए. 
यह हराम ख़ोर जिनकी गिज़ा ईमान दारी है, जिसे खाकर पी कर 
और अपनी गलाज़त में मिला कर यह फ़ारिग हो जाते हैं, 
यह समझते हैं कि तसलीमा नसरीन को हिंदुस्तान से निकलवा कर  
बेफ़िक्र हो जाएँगे कि इन्हों ने सच्चाई को दफ़्न कर दिया. 
कोई भी इनमें मर्द नहीं कि तसलीमा नसरीन की किसी बात का 
दलील के साथ जवाब दे सके. 
इनका क़ुरआन  कहता है - - - 
"काफ़िरों को जहाँ पाओ मारो, बाँधो, मत छोड़ो जब तक कि इस्लाम को न अपनाएं."
"औरतें तुम्हारी खेतियाँ है, इनमे जहाँ से चाहो जाओ."
"इनको समझाओ बुझाओ, लतियाओ जुतियाओ फिर भी न मानें तो इनको अंधेरी कोठरी में बंद कट दो, 
हत्ता कि वह मर जाएँ."
"काफ़िर की औरतें बच्चे मिन जुमला काफ़िर होते हैं, 
यह अगर शब ख़ून में मारे जाएँ तो कोई ग़ुनाह नहीं."
इन जैसे सैकड़ों इंसानियत दुश्मन पैग़ाम इन जहन्नमी ओलिमा को 
इनका अल्लाह देता है.
***
जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

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