Thursday 15 August 2019

मैसुलेनिअस mussolinians


मैसुलेनिअस mussolinians

जो लोग तौरेत (Old Testament) की रौशनी में यहूदियों की फ़ितरत को जानते है, \\वह हिटलर को हक़ बजानिब कहते हैं मगर तारीख़ के आईने में वह मुजरिम ही है. हिटलर को इस कशमकश में भूला जा सकता है 
मगर मसुलीनी (mussolini) को कभी नहीं, 
जिसकी लाश पर जर्मन अवाम ने 24 घंटे थूका था.
भारत में मनुवाद नाज़ियों की ही समानांतर व्यवस्था है.
ट्रेन में अयोध्या के तीर्थयात्री stove पर खाना बनाने की ग़लती के कारण 
हादसे का शिकार हो गए, उनको किसी मुसलमान ने आग के हवाले नहीं किया था.  मनुवादियों ने इस दुरघटना को रूपांतरित करके मुसलामानों को शिकार बनाया, जान व माल का ऐसा तांडव किया कि हादसा इतिसास का एक बाब बन गया.
मुंबई में पाकिस्तानी आतंकियों के हमले को मनुवादियों ने, 
इस तरह मौक़े का फ़ायदा उठाया कि पोलिस अफ़सर करकरे को मरवा दिया जो एक ईमान दार अफ़सर था और हिन्दू आतंकियों की घेरा बंदी किए हुए था, उसको भितर घात करके अपनी एडी का गूं पाक आतंक वादियों की एडी में लगा दिया. इन मनुवादी आतंकियों के विरोध में किसी को बोलने की हिम्मत न थी.
सूरते-हाल ही कुछ ऐसी थी.
मुज़फ्फर नगर में हिन्दू आतंक फैला कर जनता में धुरुवीय करण करने में, यह मनुवादी कामयाब रहे.
उनहोंने एलानिया अल्प संख्यकों के सामने अपने ताण्डव का एक नमूना पेश किया.
मुज़फ़्फ़र नगर के शरणार्थी मुस्लिम आबादी कैराना में शरण गत हुए तो, 
मनुवादियों को नया शोशा मिल गया कि कैराना में मुस्लिम जिहादी सर गर्म हैं, उनके आतंक से हिन्दू पलायन कर रहे है, 
कश्मीर की तरह. 62% की हिन्दू आबादी 8% रह गई है.
यह mussolinian जनता के Vote को कैसे मोड़ते हैं, खुली हुई किताब है. 
उनकी मजबूरी यह है कि देश में जमहूरियत आ गई है, 
वरना इनका पाँच हज़ार साला वैदिक काल की तस्वीर देखी जा सकती है.
***

जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

No comments:

Post a Comment