Saturday 2 January 2021

सभ्यताओं की झलकियाँ


सभ्यताओं की झलकियाँ 

मुसलमानों का सिर्फ़ एक त्यौहार ईद है ? 
इसे त्यौहार क्यूँ कहते है आज तक समझ न आया. 
एक माह के मसनवी फ़ाक़े के बाद, फ़ाक़े से नजात मिलने की ख़ुशी होती है, 
तो यह मसनवी फ़ाक़ा कशी क्यूँ ? 
मुसलमान रोज़ नमाज़ पांच बार पढ़ता है 
तो ईद  के दिन नमाज़ छः बार पढ़ना पड़ता है, 
क्या इससे ख़ुशी मिलती है ? 
तो छः बार रोज़ नमाज़ पढ़ी जाय ताकि हर रोज़ ईद हो.
TV पर इसकी झलक दिखलाई जाती है जहाँ वह 
एक दूसरे को ईद की ख़ुशियों की मुबारक बाद देते हैं. 
सवाल उठता है कौन सी ख़ुशी ? कैसी ख़ुशी ?? 
क्या इस रोज़ जन्नत में मिलने वाली शराबन तहूरा की इजाज़त होती है ? 
नहीं. वह तो मरने के बाद मिलेगी वह भी अल्लाह की मर्ज़ी पर मुनहसर है.
ईद मनाने का आधार क्या है ? 
क्या इस रोज़ जवान साल लड़के और लड़कियों पर परदे दारी की पाबन्दी ख़त्म होती है ? क्या बच्चों के लिए मनोरंजन के सामान मुहय्या किए जाते हैं ? क्या बूढों के इस दिन नमाज़ी कसरत से छुट्टी मिल जाती है ? 
नहीं किसी के लिए कोई रिआयत नहीं, उल्टा घर का मुख्या नए कपड़ों और जूतों के ख़र्च में मुब्तिला हो जाता है. 
टेलिविज़न पर हर त्योहारों की झलक दिलाई जाती है, 
मुसलमानों की ईद और बकरीद जिनमे वह बेजारी और थकन के साथ गले मिलते हैं या काबा के तवाफ़ में मशक्क़त के साथ भागते और शैतान को घायल करते हुए दिखते हैं.
ईसाइयों का त्योहार नया साल तो बरहाल कई मानी रखता है, 
हर शख़्स को नया साल देखने की तमन्ना होती है कि ज़िंदगी को नया साल नसीब हुवा. उसके बाद क्रिसमस आता है कि ईसा क्रूज़ पर चढ़ कर अमर हुए.
मुसलमानों और ईईसाइयों के त्योहारों के बाद हिन्दुओं के त्यौहार आते हैं. 
इनके किस त्यौहार को बड़ा कहें, सुझाई नहीं देता, 
इनके तो साल में ३६५ दिन त्यौहार होते हैं. 
आज कल बड़ा त्यौहार महा कुंभ आयोजित हो रहा है. 
अनुमान है कि इसमें १५ करोड़ लोग शामिल होंगे. दुन्या के 50 छोटे मुल्को की कुल आबादी से भी ज़्यादः, 
इस बार तो यह त्यौहार राज्य सरकार मना रही रही है.अल्ला ख़ैर करे.
 टेलिविज़न पर हर त्योहारों की झलक दिलाई जाती है, 
ईद बकरीद मुसलमान गले मिलता है और काबा की परिकर्मा करते हुए दिखता है, इसाई जश्न हक़ीक़ी बटोरते सैंटा क्लाज़ बच्चो को बहलाते हुए नज़र आएंगे. 
भारत की सभ्यता के धरोहर नागा बाबाओं का झुण्ड का झुण्ड नंग धुडंग कुंभ में अपने ठुल्लुओं को उछालते हुए नज़र आएगे. 
हिन्दू और मुस्लिम अपने अपने गरेबानों में झांके, उसके बाद गाली गलौज करें.

जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

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