Saturday 3 March 2018

Hindu Dharm Darshan- 148-G-18

मेरी तहरीर में - - -
क़ुरआन का अरबी से उर्दू तर्जुमा (ख़ालिस) मुसम्मी
''हकीमुल उम्मत हज़रत मौलाना अशरफ़ अली साहब थानवी''का है,
हदीसें सिर्फ ''बुख़ारी'' और ''मुस्लिम'' की नक्ल हैं,
और तबसरा ---- जीम. ''मोमिन'' का है।
नोट: क़ुरआन में (ब्रेकेट) में बयान किए गए अलफ़ाज़ बेईमान आलिमों के होते हैं,जो मफ़रूज़ा अल्लाह के उस्ताद और मददगार होते हैं और तफ़सीरें उनकी तिकड़म हैं और चूलें हैं.
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गीता और क़ुरआन

भगवान् कृष्ण ने कहा 
मैंने इस अमर योग्यता का उपदेश सूर्य देव विवस्वान को दिया 
और विवस्वान ने मनुष्यों के पिता मनु को उपदेश दिया 
और मनु ने इसका उपदेश इक्षवाकु को दिया.
श्रीमद् भगवद् गीता अध्याय  -4 - श्लोक -1 -
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 वाह भगवन् !
तुम तो अल्ला मियां से भी चार क़दम आगे निकले. 
वह कहता है कि दिन निकल कर सूरज को प्रकाशित करता है 
और रात आकर सूरज को ढक लेती है. 
रात और दिन एक दूसरे का पीछा करते हैं, 
कभी आपस में मिल नहीं सकते चाहे जितना प्रयास करें. 

आप के तो माशा अल्लाह "सूर्य देव विवस्वान " शागिर्द ठहरा,  
सूरज जो ब्रह्माण्ड को गर्मी देता है वह आप से पाठ पढता है ? 
और यह मनु कहीं आदम की तरह जन्नत से टपके हुए आदमियों के बाप तो नहीं ? 
मगर वह अद्भुत थे कि सूर्य देव विवस्वान के सामने बैठ कर आपका ज्ञान समेटते थे. 
इक्षवाकु हाबील क़ाबील आदम पुत्रों का भाई तो नहीं ?
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और क़ुरआन कहता है - - -
क़ुरआन जो कहता है ऊपर लिख चुके हैं. 
और 
मुहम्मद अपने शागिर्द से कहते हैं, 
क्या तुमको मालूम है कि यह सूरज डूबने के बाद शाम को कहाँ जाता है? 
शागिर्द कहता है यह बात अल्लाह जनता है या अल्लाह का रसूल. 
मुहम्मद ने पुलकित होकर बतलाया, 
सूरज पश्चिम में जाकर अल्लाह को सजदा करता 
और फिर वापस जाने की इजाज़त मांगता है, 
वह वापस फिर पूरब से निकलता है. 
जिस दिन अल्लाह की इजाज़त नहीं होगी उस रोज़ क़यामत आ जाएगी.
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ऐसे पोंगों की बातों को भगवान् और अल्लाह का कथन माना जाता है.
उसके बाद भी हिन्दू और मुसलमान मुझे समझाने की कोशिश करते हैं कि 
इनके ग्रन्थ की बातें समझने के लिए ज्ञान चाहिए. 
कोई है जो भगवान और अल्लाह की इस बकवास को समझे में असर्थ हो?
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जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

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