Thursday 29 October 2020

क़व्वाली


क़व्वाली

 क़ब्ल ए इस्लाम अरब में मुख़्तलिफ़ अक़ायद क़ायम थे, 
बुत परस्ती से लेकर ख़ुदा ए लाशरीक तक, 
उससे भी आगे मुलहिद, मुरतद और मुंकिर तक. 
उनमे ही एक तबका मोमिन का हुवा करता था 
जो तबई और फ़ितरी (स्वाभाविक और लौकिक) ईमान को तस्लीम करता था, 
ग़ैर तबई और ग़ैर फ़ितरी बातों को नापसंद करता था. 
यानी उरयाँ सदाक़त पर उसका ईमान हुवा करता था. 
वह नास्तिक तो नहीं मगर "कोई ताक़त" के क़ायल हुवा करते थे. 
मुहम्मद का हम अस्र करन का 'उवैस करनी' हुवा करता था जिसे इस मसलक का पीर कहा जा सकता है. 
मुहम्मद की वसीअत थी कि उनके मौत के बाद उनका जुब्बा (परिधान) उवैस करनी को दे दिया जाए. मगर उवैस करनी मुहम्मद के साए से दूर भागता कि कहीं उसे कलिमा पढ़ कर मुहम्मद का इस्लाम न कुबूल करना पड़े. 
बाद में हसन बसरी और राबिया बसरी जैसी हस्तियाँ हुईं जो इस्लामी हुक्मरानों से छुपे छुपे रहते. 
इस्लाम के बाद मोमिनों का यह तरीक़ा होता कि वह बस्ती से दूर बसते और वहीं अपनी ईमान की कुटिया बना लेते. 
मौत के बाद जुब्बा को लेकर अबुबक़्र और अली उवैस के पास गए. 
उसने जुब्बा को बड़े बे दिली से ले तो लिया और दोनों को बेदिली के साथ ही रुख़सत भी कर दिया. मुझे उम्मीद है उवैस ने जुब्बा को आग के हवाले कर दिया होगा.
तबरेज़, मंसूर, सरमद, ख़ुसरू और कबीर जैसे मोती इस हार में 
पिरोए हुए देखे जा सकते है. 
इनके क़ौल (कथन) ही क़व्वाली कहलाती है. 
क़व्वाली में वह सदाक़त होती है कि इसे सुन कर वजूद में 
वज्दानियत (मस्ती) आ जाती है. 
हर धर्म के आला और तालीम याफ़्ता तबक़ा महफ़िल में झूमता देखा जा सकता है. भला उरयाँ सदाक़त को कौन देखना और सुनना पसंद नहीं करेगा, तंग नज़र मुसलमान और कपटी ह्न्दुओं के सिवा.
 क़व्वाली सूफ़ी और संतों की वाणी और क़ौल हुवा करती है जिसमे मौजूदा मज़हब और धर्म के मिथ्य से बग़ावत करके सिद्क़ और सत्य के बोल होते है.
कभी कभी ख़ुद फ़रेबी (आत्मघात) करके क़व्वाली की मस्ती में डूबा जा सदाकत है.
नोट ;-
अफ़सोस के साथ लिखना पड़ रहा है कि क़व्वाली में भी मिलावट कर दी गई है. अली दा पहला नंबर, अली दम दम दे अन्दर. 
हजारों लोगों के कातिल अली क़व्वाली की सदाक़त बन गए हैं.  
***
जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

1 comment:

  1. अली ( अ ) एक रहमदिल इंसान थे , बुख़ारी की तो आप ले ही रहे हैं , थोड़ा "अबू हनीफ़ा" की भी ले लीजिए,जिसने अपनी किताबों में बकवासों का अम्बार इकठ्ठा कर रखा है ।

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