Saturday 11 August 2018

Hindu Hindu Dharm Darshan 212


शपथ गीता की, जो कहूँगा सच कहूँगा. (16)

भगवान् कृष्ण कहते हैं - - -
हे अर्जुन ! 
अपने सारे कार्यों को मुझ में समर्पित करके मेरे पूर्ण ज्ञान युक्त होकर, 
लाभ की आकाँक्षा से रहित, 
स्वामित्व के किसी दावे के बिना
 तथा आलस्य से रहित युद्ध करो. 
श्रीमद् भगवद् गीता अध्याय  अध्याय -3 - श्लोक -30 -

*और क़ुरआन कहता है - - - 
"और उन से कहा गया आओ अल्लाह की राह में लड़ना या दुश्मन का दफ़ीअ बन जाना. 
वह बोले कि अगर हम कोई लड़ाई देखते तो ज़रूर तुम्हारे साथ हो लेते, 
यह उस वक़्त कुफ़्र से नज़दीक तर हो गए, 
बनिस्बत इस हालत के कि वह इमान के नज़दीक तर थे।" 
सूरह आले इमरान ३ तीसरा परा आयात (168) 
***
इन धार्मिक सिक्कों के दो पहलू ज़रूर हैं 
मगर इनका मूल्य एक ही है, 
नफ़रत और सिर्फ़ नरत.
***

जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

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