Wednesday 11 December 2019

ज़रा सी तब्दीली


ज़रा सी तब्दीली 

भारत उप महाद्वीप के 60 करोर मुसलमान मनुवाद के महा जाल से मुक्त, 
इस्लाम के छोटे जाल में फंस कर रह गए हैं. 
यह आकाश से गिर कर खजूर में अटके हुए लोग हैं.
मुसलमानों ने जिस तरह भी मनु वाद से मुक्ति पाई हो, 
सामजिक दबाव से, स्व -चिंतन से या और किसी करण से, 
उनके हक़ में अच्छा ही हुवा. 
मनुवाद की ज़िल्लत भरी ज़िन्दगी से नजात मिली.
मुसलमानो को एक बार और जिसारत करनी होगी कि वह मुस्लिम से मोमिन हो जाएं. कोई बड़ी तब्दीली करनी नहीं पड़ेगी, 
बस बेदारी की ज़रुरत है. इस्लामी अक़ीदत को तर्क कर के, 
ईमानी हकीक़त को अपना लें, 
इसमें ख़ुद इनका ही भला न नहीं बल्कि मनुवाद के अन्धकार को भी 
रौशनी की किरण मिलेगी. उनका अस्तित्व भी दुश्वार हो जाएगा. 
ईमान क्या है ? वह सच जिसकी गवाह क़ुदरत हो, 
लौकिक सत्य, आलमी सदाक़त. 
इस्लाम कल्पित सत्य नहीं बल्कि कल्पित मिथ्य है.  
इस्लाम को मुसलमानो के हलक़ में घुट्टी की तरह पिलाया गया है.
मनुवाद हिदुओं के चेहरों पर पाथा गया गोबर है. 
इससे निकलना बहुत ही आसान है. 
60 करोर मुसलमान इसी गलाज़त से निकले हुए लोग है.
***
जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

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