Tuesday 22 May 2018

Hindu Dharm 183

भाजपा की भुनड़िया 

13 साला लड़की को किसी मदरसे का मुलाज़िम वरग़ला कर ले जाता है और उसके साथ बलात कार करता है, मदरसे का मोलवी सर झुकाए क़ुरआन पाठ में मग्न रहता  है. ऐसी घटना हर रोज़ की कहानी सिर्फ़ दिल्ली की है.
वह पकड़ा जाता है,उसकी उम्र 20 की पाई जाती है,
लड़की की भी डाक्टरी होती है मीडिया उसकी उम्र नहीं बतलाता,
नेता गण उसकी उम्र  8 साल बतलाते हैं.
ख़ैर - - -

दूसरा मुआमला है आसिफ़ा का, एक आठ साल की बच्ची,
उठाई जाती है, उसके साथ सामूहिक बलात कार होता है,
उसे नाशीली दवा पिलाई जाती है, एक हफ़्ता भूखी प्यासी जिंदा रखा जाता है, वह भी देवालय में, 
बाप आता है, मुजरिमों से बेटी गुम होने की ख़बर लेता है,
मदद की गुहार लगता है, जवाब होता है जंगल में ढूंढिए.
मुजरिमों में पोलिस से लेकर बाप बेटे तक शामिल होते हैं,
तय होता है इसे मार दिया है, एक हलाल ज़ादा कहता है,
यार एक बार और - - -

उसके बाद आसिफ़ा का सर कुचल कर मार दिया जाता है .
सभी मुजरिम गिरफ़तार होते हैं, अपने जुर्म का इक़बालिया बयान देते हैं.
कठुआ में इन भाजपा पुत्रों को बचाने के लिए जूलूस निकाला जाता है,
जिसकी अगुवाई दो नेता ही नहीं बल्कि मंत्री पद पर बैठे सज्जन पुरुष करते हैं.

इधर दिल्ली में गीता के लिए यही भाजपाई कैंडल मार्च जुलूस निकालते हैं.
जिसकी अगुवाई एक कलाकार करता है,
कहा जाता है कलाकार कभी झूट और मक्र में शामिल नहीं होता,
मिसाल शत्रुघ्न सिन्हा या अमिताभ बच्चन देखे जा सकते हैं,
ख़ैर - - -

उधर संविधान के साथ बलात्कार,
इधर कैंडल मार्च जैसी मर्यादा के साथ बलात्कार .
ज़रा सा सोचो यारो !
ज़रा सा लारज़ो,
कुछ तो शरमाओ,
बिलकुल संवेदन हीन हो चुके हो ?
मानवता और मानव मूल्य तुम्हारे लिए कुछ भी नहीं ?
क्या आसिफ़ा तुम्हारी बेटी, बहन नहीं हो सकती थी ?
सब कुछ सियासी गलाज़त ही तुम्हारे जीवन का लक्ष रह गया है ?
अपने ख़ून का रंग पहचानो,
तुम केवल इंसान हो,
इंसानियत के लिए जियो
और हो सके तो इस के लिए ही मरो.
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(पूरा लेख मुसतनद सारी हक़ीक़त मंज़रे-आम पर आ चुकी हैं)


जीम 'मोमिन' निसारुल-ईमान

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